Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2018 · 1 min read

माँ

विषय-: माँ
विधा-: पद्य छन्दमुक्त

गिरने से पहले थाम लेती है,
फिसलने से पहले संभाल लेती है।
मैं लाख छुपाउं, मेरे माथे की-
शिकन पहचान लेती है।
बिन बताए मेरी तकलीफ की,
वजह जान लेती है।
मेरे भूख प्यास के लिए,
मेरे आगे पीछे भागती है।
मेरी परीक्षा के लिये अलार्म-
की तरह रात भर जागती है
मेरी एक कामयाबी पे,
मुहल्ले को मिठाइयां बाँट देती है।
अपने ग़मों से मेरे लिए ,
खुशियां छांट लेती है।
मेरे स्वास्थ्य की चिंता में,
स्वयं अधमरी हो जाए।
काजल के टीके में टोटका,
आस्वस्त गहरी हो जाए।
टूटने से पहले थाम लेती है ,
ज़िंदगी की डोर!
सचमुच “माँ” होती है-
‘बुरी बलाओं, की शातिर चोर!!

शकुन्तला शेंडे(शकुन)
शहर -बचेली
छत्तीसगढ़

2 Likes · 27 Comments · 629 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सफलता तीन चीजे मांगती है :
सफलता तीन चीजे मांगती है :
GOVIND UIKEY
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डर का घर / MUSAFIR BAITHA
डर का घर / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
कितना भी आवश्यक या जरूरी काम हो
कितना भी आवश्यक या जरूरी काम हो
शेखर सिंह
रिश्तों के मायने
रिश्तों के मायने
Rajni kapoor
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
गीत।।। ओवर थिंकिंग
गीत।।। ओवर थिंकिंग
Shiva Awasthi
बारिश और उनकी यादें...
बारिश और उनकी यादें...
Falendra Sahu
* आए राम हैं *
* आए राम हैं *
surenderpal vaidya
तो मैं राम ना होती....?
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
23/179.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/179.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
कोठरी
कोठरी
Punam Pande
निश्छल प्रेम
निश्छल प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आदिशक्ति वन्दन
आदिशक्ति वन्दन
Mohan Pandey
धोखा
धोखा
Paras Nath Jha
#बड़ा_सच-
#बड़ा_सच-
*Author प्रणय प्रभात*
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
नवम दिवस सिद्धिधात्री,सब पर रहो प्रसन्न।
नवम दिवस सिद्धिधात्री,सब पर रहो प्रसन्न।
Neelam Sharma
💐प्रेम कौतुक-438💐
💐प्रेम कौतुक-438💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मम्मास बेबी
मम्मास बेबी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
नींदों में जिसको
नींदों में जिसको
Dr fauzia Naseem shad
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
अकिंचित ,असहाय और निरीह को सहानभूति की आवश्यकता होती है पर अ
DrLakshman Jha Parimal
मेरे भगवान
मेरे भगवान
Dr.Priya Soni Khare
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
प्रिय के प्रयास पर झूठ मूठ सी रूठी हुई सी, लाजवंती के गालों
प्रिय के प्रयास पर झूठ मूठ सी रूठी हुई सी, लाजवंती के गालों
kaustubh Anand chandola
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
Loading...