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23 Nov 2018 · 1 min read

माँ (माँ की ममता)

माँ शब्द मुँह से निकलते ही
भर जाती है मुँह में मिठास ।
मिलता है मन को स्कुन
क्योंकि ये रिश्ता है खास ।

माँ शब्द भी बना है यारों मैं से.
कोई फरक ना है माँ और मैं में।

अगर माँ ना होती मैं ना होता,
माँ के बिन कैसे यह संसार होता।

माँ की ममता के आगे यारों
कोई भी रिश्ता ठहिर ना पाये ,
देख कर इसकी समरप्रित भावनां,
भगवान की दया फिकी पड़ जाये ।

गिल्ल माँ की करो तुम पुजा,
जिस ने तुमको जीवन दिया है ।
दुनियां में तुमको विचरना सिखाया ,
अच्छे-बुरे से है बचना सिखाया ।
खुद को भी तुम में ही पाया।
दिल्लप्रीत गिल्‍ल
मोहाली , पंजाब I
Email. dilpreetgill2810@gmail.com

25 Likes · 105 Comments · 707 Views
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