Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2018 · 2 min read

माँ

‘माँ’
कहाँ से शुरू करु मैं, तुझें लिखना जब कोख में था मैं तेरे, तब से करू
या फिर जब मैंने इस जहां में अपनी जिंदगी की पहली साँस ली तब से ।

तेरा नो महीनें, मुझें कोख में संभाल कर रखना, उस पल से ही मेरें हर दर्द को, अपना बनाकर सहना
तेरा हर राह पर ख़ुद के साथ मुझें, संभाल कर चलना, ये तो सिर्फ माँ तू ही कर सकती हैं मेरें लिए ।

मेरी पहली साँस पर तेरा, खुशी से रोना, तेरा प्यार से मुझें अपनी बाहों में लेना
उस पल तेरा एकटक मुझें निहारते रहना, बहुत ही ख़ुशनुमा पल थे वो माँ तेरे लिए ।

जब पहली बार मैंने अपने लबों पे पुकारा था नाम तेरा, उस पल तेरा
जोर-जोर से पुकारकर सबकों बुलाना और सबको इस लम्हें के बारे में बताना ।

मेरी एक किलकारी पर तू, दौड़कर आ जाती थी, हर पल खुद से ज्यादा तू, मेरा ख्याल रखतीं थी
अपनी उँगली पकड़कर चलना सिखाया मुझें, मेरें हर दर्द को अपना बनाकर जिया था तूने ।

पता ही ना चला,
कब मैं, अपने घुटनों पर रेंगते-रेंगते, खड़ा हो गया, कब मैं, तेरी ममता की छाँव में, बड़ा हो गया
कब ये वक्त बचपन से चलकर, जवानी तक आ पहुँचा, मगर कभी कम ना हुई, मेरें लिए तेरी ममता इस दौर में ।

मैं जब भी अकेला होता हूँ माँ, तब तुझें याद कर लेता हूँ
मैं चाहें किसी भी बुलन्दियों पर पहुँच जाऊँ, मैं, खुदा को याद न करके, तुझें याद करता हूँ माँ ।

नाम :- तलविंद्र कुमार
पता :- जोधपुर (राजस्थान)

3 Likes · 36 Comments · 694 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#हाँसो_र_मुस्कान
#हाँसो_र_मुस्कान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
💐अज्ञात के प्रति-126💐
💐अज्ञात के प्रति-126💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर
स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तेवर
तेवर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2362.पूर्णिका
2362.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
■ जयंती पर नमन्
■ जयंती पर नमन्
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सत्यं शिवम सुंदरम!!
सत्यं शिवम सुंदरम!!
ओनिका सेतिया 'अनु '
रात सुरमई ढूंढे तुझे
रात सुरमई ढूंढे तुझे
Rashmi Ratn
गाछ सभक लेल
गाछ सभक लेल
DrLakshman Jha Parimal
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर क्यों पी लिया
Surinder blackpen
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सारी जिंदगी कुछ लोगों
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आक्रोश - कहानी
आक्रोश - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
Neelam Sharma
हमारा देश
हमारा देश
Neeraj Agarwal
मार   बेरोजगारी   की   सहते  रहे
मार बेरोजगारी की सहते रहे
अभिनव अदम्य
पैसा
पैसा
Sanjay ' शून्य'
आश पराई छोड़ दो,
आश पराई छोड़ दो,
Satish Srijan
Qata
Qata
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
राम काव्य मन्दिर बना,
राम काव्य मन्दिर बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
रंग भरी एकादशी
रंग भरी एकादशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
.
.
Ragini Kumari
शिक्षक (कुंडलिया )
शिक्षक (कुंडलिया )
Ravi Prakash
Loading...