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13 Nov 2018 · 1 min read

माँ

तूफानों साहिलों से लड़कर भी जिसने मुझे जीना सिखाया है।
ममता भरी डांट-फटकारों से मुझे आगे बढ़ना सिखाया है।
हालात कैसे थे अब कैसे हो गए है मेरे आपकी वजह से ही,
सच कहता हूँ माँ आप ही हो जिसने मुझे इंसान बनाया है।
खुशियाँ तो दूर थी आपसे दुःखों को हमेशा गले लगाया है आपने,
हजार गम सहकर भी आपने मुझे हमेशा हँसते रहना सिखाया है।
माँ आपकी ममता को हर-पल मै समझ सकता हूँ और डांटना मुझे,
मुझे मेरी गलतियों से सबक सीखना है ये आपने बताया है।
संसार में कितना प्यारा शब्द और रिश्ता होता है माँ,
ये आपने पूरी दुनिया के सामने खुलकर जताया है।
नदीम आतिश
केलवाड़ा, बारां (राज.) 325216

7 Likes · 32 Comments · 788 Views
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