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8 Nov 2018 · 1 min read

माँं

ईश्वर का वरदान है माँ!
सकल गुणों की खान है माँ!!

जिस पर सजता हर सुर हो!
वो दिलकश सी तान है माँ!!

ममता की वो अनुपम मूरत!
आन-बान और शान है माँ!!

जीवन पथ के पशोपेश में!
मधुर सुरीला गान है माँ!!

कहे मुसाफ़िर सुन लो सारे!
मेरा तन-मन जान है माँ!!
धर्मेन्द्र अरोड़ा “मुसाफ़िर”
शहर पानीपत

7 Likes · 33 Comments · 600 Views
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