Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2021 · 2 min read

103. माँ शारदे

माँ शारदे, माँ शारदे
मेरी विनती सुन ले तू, उसे पूरा कर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ओ मैया मेरी,
कब से है झोली खाली तू, उसे भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ऐ माते बुद्धि और विद्या,
मुझमें तू भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ओ मैया मेरी,
कोशिश करूँ मैं इतना, नाम तेरा लूँ ।
सच के सिवाय मैया, झूठ ना कहूँ ।।

मैया तेरे नाम की है शक्ति,
मुझको है तेरी भक्ति ।
तू भूल न जाना माता, मुझपे कृपा कर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ओ मैया तू,
दुर्गुण मिटाकर मुझमें, सद्गुण भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

मेरे जीवन में माता,
तू उत्साह और रौनक ला दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ओ मैया, परिवारों के चेहरे से,
गम सारे मिटाकर, उसमें खुशियाँ भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ओ मैया तू,
मेरे जीवन को हसीन और रंगीन कर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

ओ मैया सभी बच्चों को
शिक्षित करके, उसमें खुशियाँ भर दे ।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

वो धन दौलत क्या पायेगा,
जो उसमें तू न होगी ।
पाया हुआ भी वो सब खो देगा,
जो उसके संग न तू होगी ।।

गम के सारे बादल को,
तुम दुर कर दो माता ।
मैं हूँ तेरा बालक,
मुझको कुछ भी नहीं बुझाता ।।

कठिन जो पथ है मेरी माता,
उसको आसान तू कर दे ।
मेरे जीवन में ओ मैया,
खुशी के रंग तू भर दे ।।

माँ शारदे, माँ शारदे ।।
माँ शारदे, माँ शारदे ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 19/02/2021
समय – 01 : 09 ( रात्रि )
संपर्क – 9065388391

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Comment · 502 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Hello
Hello
Yash mehra
दोहा त्रयी . . . .
दोहा त्रयी . . . .
sushil sarna
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
बृद्ध  हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
ये मौन अगर.......! ! !
ये मौन अगर.......! ! !
Prakash Chandra
सोई गहरी नींदों में
सोई गहरी नींदों में
Anju ( Ojhal )
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Sukoon
#बन_जाओ_नेता
#बन_जाओ_नेता
*Author प्रणय प्रभात*
"तेरी यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah
Divija Hitkari
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
पूर्वार्थ
दिल शीशे सा
दिल शीशे सा
Neeraj Agarwal
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
Shreedhar
जीवन  के  हर  चरण  में,
जीवन के हर चरण में,
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
सावन बरसता है उधर....
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो ना कहता है
जो ना कहता है
Otteri Selvakumar
भीड़ पहचान छीन लेती है
भीड़ पहचान छीन लेती है
Dr fauzia Naseem shad
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
Shweta Soni
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ
ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ
अनिल कुमार
किसी की किस्मत संवार के देखो
किसी की किस्मत संवार के देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उस जमाने को बीते जमाने हुए
उस जमाने को बीते जमाने हुए
Gouri tiwari
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
दुनिया जमाने में
दुनिया जमाने में
manjula chauhan
ज़िंदादिली
ज़िंदादिली
Dr.S.P. Gautam
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
Sangeeta Beniwal
Loading...