माँ की ममता
?माँ की ममता?
वृद्धा आश्रम में बैठे बैठे,,,,
कोई माँ ये सोचती होगी,,,,
अपनों के दिए जख्मो का,,,,
दर्द वो कैसे सहती होगी,,,,1
आँखों की बहती अश्रुधार को,,,
कैसे वो माँ पोछती होगी,,,,2
उसके लाल ने कैसे मुंह फेरा,,,
दिल ही दिल वो कोसती होगी,,,3
बचपन में मुँह निवाला खिलाया जिसे,
दगेबाज निकला बेटा सोचती होगी,,,4
बेटे की मुश्कान पे फ़िदा होने बाली,,,
कैसे गम ऐ जुदाई में जीती होगी,,,5
तरस आता होगा उसे खुद पे,,,,
कैसे जीने को आज मजबूर होगी,,,,6
वो जीने की सारी मन में ख्वाइस,,,,
जीते जी ही मर सी गई होगी,,7
विधाता से कोने में बैठे बैठे,,,
मौत की भीख माँगती होगी,,,8
मन भी उसका बेचैनी से,,,,
राह बेटे की ताकती होगी,,,9
सोनु रोती लिखे कलम से,,,,
माँ तो माँ होती है रोती होगी,,10
?सोनु जैन,मन्दसौर,,,,