Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2018 · 1 min read

माँ अमूल्य कृति

नौ महीने कोख में अपनी जिसने जिलाया है मुझे
गर्भ में प्राण देकर अवचेतन से जगाया है मुझे
प्रसव की पीड़ा उठा के इस दुनिया में लाया है मुझे
सबसे पहले अपने ही हाथों में खुशी से उठाया है मुझे
बाद उसके दूध भी गोद में लेकर पीलाया है मुझे
अपनी बाहों में उठाकर प्यार से खुब खेलाया है मुझे
अपने होठों से मीठी लोरियों को भी सुनाया है मुझे
हाथ पकड़कर मेरे इस जहां में चलना सिखाया है मुझे
स्वयं भूखी रहकर भी भरपेट भोजन खिलाया है मुझे
हर चोट पर सहम कर अपने सीने से लगाया है मुझे
हर चीज की समझ को खुलकर यहाँ बताया है मुझे
जीवन की पाठशाला में गुरु बनकर खुद पढ़ाया है मुझे
दर्द सहकर भी कैसे चुप रहना इतना भी समझाया है मुझे
लड़कर स्वयं लड़ना है कैसे ये भी कर दिखाया है मुझे
अपनेपन की आग में ढालकर अपनत्व में गलाया है मुझे
क्या होती है माँ?दुनिया में भगवान ने ये जताया है मुझे
सच कहूँ तो मेरी माँ ने स्वयं अपने ही हाथों से बनाया है मुझे
उस माँ के श्रीचरणों में ही स्वर्ग नजर आया है मुझे
धन्य हूँ मैं इस धरा पर जो माँ ने अपनाया है मुझे
माँ की प्रेरणा ने लेखनी से इन पंक्तियों को लिखवाया है मुझे

डॉ.आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छग

25 Likes · 73 Comments · 2019 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
राम-हाथ सब सौंप कर, सुगम बना लो राह।
राम-हाथ सब सौंप कर, सुगम बना लो राह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
शेखर सिंह
💐Prodigy Love-17💐
💐Prodigy Love-17💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जिंदगी रूठ गयी
जिंदगी रूठ गयी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
2411.पूर्णिका
2411.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
छाती पर पत्थर /
छाती पर पत्थर /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पापी करता पाप से,
पापी करता पाप से,
sushil sarna
तेरी खुशबू
तेरी खुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
Ram Krishan Rastogi
युगों    पुरानी    कथा   है, सम्मुख  करें व्यान।
युगों पुरानी कथा है, सम्मुख करें व्यान।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक
एक
हिमांशु Kulshrestha
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
आज समझी है ज़िंदगी हमने
आज समझी है ज़िंदगी हमने
Dr fauzia Naseem shad
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
Dr MusafiR BaithA
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
Anil chobisa
■ #यादों_का_आईना
■ #यादों_का_आईना
*Author प्रणय प्रभात*
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
"कष्ट"
नेताम आर सी
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
भय की आहट
भय की आहट
Buddha Prakash
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
Kishore Nigam
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...