Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2020 · 2 min read

महिला समानता दिवस 26 अगस्त

महिला समानता दिवस 26 अगस्त पर श्री पी के तिवारी द्वारा प्रस्तुत आलेख के संदर्भ में मेरे विचार :

वर्तमान में महिलाओं की दशा पर प्रस्तुत आपके विचारों का स्वागत है।
परंतु इस संदर्भ में महिलाओं की दशा सुधारने हेतु शासन एवं निजी क्षेत्रों में क्या कदम उठाए जाने चाहिए इस पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता है।
इस विषय में मेरे विचार निम्न है :

1. प्राथमिक रूप से हमें महिलाओं एवं शिशुओं के पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की व्यवस्था हेतु पर्याप्त साधन संपन्न योजनाओं का विकास करना पड़ेगा। जिसमें आहार-विहार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के विकास के लिए समग्र आकलन कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग योजनाएं बनानी पड़ेगीं। जिसमें शासकीय योजनाओं के अतिरिक्त वे योजनाएं भी सम्मिलित करनी पड़ेगीं जिन में निजी क्षेत्र की भागीदारी अपेक्षित हो। योजनाओं के निष्पादन में आने वाली कठिनाइयों का समय-समय पर आकलन कर उसमें सुधार करना आवश्यक है।
राजनीतिक दलों को भी वोट बैंक राजनीति से हटकर देश के विकास हेतु शासन का समर्थन विकास कार्य में आवश्यक है। शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी इस विषय में ईमानदारी से कार्य निष्पादन करने की आवश्यकता है ।और भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों को उनके कार्य निष्पादन में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु कठोर कदम उठाने पड़ेंगे।

2. महिलाओं में पर्याप्त शिक्षण का अभाव एवं अज्ञान भी उनकी वस्तुःस्थिति के लिए दोषी है।
महिलाओं की प्राथमिक शिक्षा की जरूरतों के लिए हमें साक्षरता अभियान चलाने होंगे । जिसमें अधिक से अधिक महिलाओं को शिक्षित करने पर जोर देने की आवश्यकता है। साक्षरता अभियान मे निजी क्षेत्रों की भी भागीदारी का प्रावधान होना चाहिए।
महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए महिलाओं को लघु एवं कुटीर उद्योग मे प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करनी होगी। छोटी-छोटी महिला समूह व्यवसाय योजनाओं का विकास ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में करना होगा। महिलाओं के लिए व्यवसाय एवं लघु उद्योगों को चलाने के लिए शासन द्वारा बीज पूंजी( Seed Capital ) की भी व्यवस्था करनी होगी। वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बैंकों को कम ब्याज पर सुलभ ऋण उपलब्ध कराने होंगे। इन ऋणों की आसान किस्तों में अदायगी में भी अंतराल अवधि(Moratorium Period) का प्रावधान होना आवश्यक है। शासन द्वारा इन योजनाओं के लिए अनुदान की व्यवस्था भी होना चाहिए।

3. गांव एवं शहरी क्षेत्रों में गरीब बाल बालिकाओं के लिए पर्याप्त निःशुल्क शिक्षण व्यवस्था योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता है।
जिसमें गरीब विद्यार्थियों को गणवेश, कॉपी किताबें एवं अन्य अध्ययन सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान होना चाहिए। मेधावी छात्रों को शासन द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान करने व्यवस्था करनी होगी।
इस संबंध में निजी शिक्षण संस्थानों की भागीदारी भी अपेक्षित होना चाहिए।
गरीब छात्रों को लघु उद्योग एवं व्यवसाय प्रबंधन क्षेत्र में उचित प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान करने का प्रावधान होना चाहिए।
शासकीय सेवाओं एवं व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों में प्रवेश हेतु प्रतियोगिता परीक्षा प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान करने का प्रावधान होना चाहिए।
शासकीय सेवाओं एवं प्रशिक्षण संस्थानों में आर्थिक आधार पर आरक्षण व्यवस्था होना चाहिए।
महिलाओं एवं उनके बच्चों के समग्र विकास से ही उनकी स्थिति में सुधार आ सकता है।
किसी देश में महिलाओं की उन्नति पर ही देश का भविष्य निर्भर है।

Language: Hindi
Tag: लेख
11 Likes · 12 Comments · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
सिलसिला ए इश्क
सिलसिला ए इश्क
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
दस्तक
दस्तक
Satish Srijan
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
रंगो ने दिलाई पहचान
रंगो ने दिलाई पहचान
Nasib Sabharwal
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
***
***
sushil sarna
वक़्त ने करवट क्या बदली...!
वक़्त ने करवट क्या बदली...!
Dr. Pratibha Mahi
सरकारी नौकरी में, मौज करना छोड़ो
सरकारी नौकरी में, मौज करना छोड़ो
gurudeenverma198
2543.पूर्णिका
2543.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग्रीष्म की तपन
ग्रीष्म की तपन
डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
जीवन चक्र
जीवन चक्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मंजिल नई नहीं है
मंजिल नई नहीं है
Pankaj Sen
प्रियवर
प्रियवर
लक्ष्मी सिंह
ऐसा क्यों होता है
ऐसा क्यों होता है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
VEDANTA PATEL
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
Rambali Mishra
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
खास अंदाज
खास अंदाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
Rituraj shivem verma
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
ख़ुदी के लिए
ख़ुदी के लिए
Dr fauzia Naseem shad
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Loading...