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अशोक सोनी
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4 Apr 2020 · 1 min read
मन
फिर सपनों की रखवाली में निरत हुआ मन ।
तुम बिन सूनी फुलवारी से विरत हुआ मन ।
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
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· 449 Views
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