Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2017 · 1 min read

” ————————————————– मन मयूर है नाचे ” !!

उम्र सीढ़ीयां चढ़ती जाये , यौवन भरे कुलांचे !
कैसे दिल का हाल बतायें , मन मयूर है नाचे !!

रूप रंग तो बरसा ना है , दुख की छांव घनेरी !
काया मिली सलोनी ऐसी , कैसे इसे तराशें !!

कारी कारी अँखियों में जो , उजले ख़्वाब बसे हैं !
न्यारे न्यारे लगते है वे , सारे मुझे जहां से !!

जीवन की परिभाषा जानी , गूढ़ अर्थ है इसके !
औरों के मन की हलचल को , अंतर्मन से बाँचें !!

घाट घाट पर देखी फिसलन , बरतें बड़ी सजगता !
लोग यहां हैं इसी ताक में , कैसे भरें परांचे !!

बोल यहां हो तोल तोल कर , और हंसी को साधें !
अपने दर्पण धूल चढ़ी हो , लोग ओर को जांचे !!

हंसना है तो खुद पर हंस लो , यही राज़ है गहरा !
वरना झूंठे किस्से यों भी , लगते सबको सांचे !!

आज निशाना खुद पर साधूं कल फिर अग्नि परीक्षा !
परिणामों की उम्मीदों से , खिलना चाहें बांछें !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
660 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“मेरी कविता का सफरनामा ”
“मेरी कविता का सफरनामा ”
DrLakshman Jha Parimal
बात जो दिल में है
बात जो दिल में है
Shivkumar Bilagrami
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
💐प्रेम कौतुक-379💐
💐प्रेम कौतुक-379💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कोई दर ना हीं ठिकाना होगा
कोई दर ना हीं ठिकाना होगा
Shweta Soni
पर्यावरण प्रतिभाग
पर्यावरण प्रतिभाग
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (4)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (4)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बाबू जी
बाबू जी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
नौकरी (१)
नौकरी (१)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
ग़ज़ल
ग़ज़ल
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
एक फूल....
एक फूल....
Awadhesh Kumar Singh
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
जहर मे भी इतना जहर नही होता है,
जहर मे भी इतना जहर नही होता है,
Ranjeet kumar patre
■ शेर-
■ शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
Shashi kala vyas
सुप्रभातम
सुप्रभातम
Ravi Ghayal
क्या मेरा
क्या मेरा
Dr fauzia Naseem shad
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
छत्तीसगढ़ के युवा नेता शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana
छत्तीसगढ़ के युवा नेता शुभम दुष्यंत राणा Shubham Dushyant Rana
Bramhastra sahityapedia
"तस्वीर"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
~~बस यूँ ही~~
~~बस यूँ ही~~
Dr Manju Saini
जनहित (लघुकथा)
जनहित (लघुकथा)
Ravi Prakash
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
Ram Krishan Rastogi
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
Loading...