Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2020 · 1 min read

मजदूर

*******मजदूर********
********************

शोषित होता आया बेचारा
मजदूर कमाऊ वर्ग कमेरा

शोषण का होता है शिकार
शोषित बन करता रहे कार

दिनभर करता श्रम आपार
भूखमरी को होता शिकार

धर्म,जाति,रंग भेद झेलता
कुंठा कुंठित कर्म झेलता

मजदूर होता सदा मजबूर
व्यथित जीवन,कष्ट भरपूर

अपना उल्लू हैं सीधा करते
पीछे मुड़ ना सुध बुध लेते

समाज का है वह तबका
आर्थिक उन्नति रहे करता

समाज को उन्नत है करता
निज निर्धन जीवन कटता

बच्चों संग रहे कार्यशील
आर्थिक स्तर अगतिशील

किसी प्रति नहीं है रंजिश
सुख सुविधाओं से वंचित

दो टूक नहींं मिले निवाला
भूखे पेट सोता कामवाला

आर्थिक तंगी ,हालत मंदी
शारीरीक हालत नहीं चंगी

किस्मत से रहता है लड़ता
पग पग पर रहता है हरता

लोकतांत्रिक बड़ा हिस्सा
सुलझे ना श्रमिक किस्सा

विपक्ष हो या फिर सरकार
मजदूर हक करें दरकिनार

राजनीति का होते शिकार
कुपोषित रहते घर परिवार

घरेलू स्थिति है खस्ताहाल
जीवन जीता वह बदहाल

पूंजीपतियों का बोलबाला
मजदूर का ईश्वर रखवाला

सुपने आँखों में रहते तैरते
असलियत में मुंह फेर लेते

सहता बेईज्ज़ती तिरस्कार
आर्थिक उन्नति का किरदार

कोई नहीं सुनता है पुकार
मौन रहती चीख चीत्कार

सुखविन्द्र शब्द कहे सच्चे
कब आएंगे दिन वो अच्छे
********************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नदी
नदी
Kumar Kalhans
*.....उन्मुक्त जीवन......
*.....उन्मुक्त जीवन......
Naushaba Suriya
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
होली के कुण्डलिया
होली के कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
चाँद  भी  खूबसूरत
चाँद भी खूबसूरत
shabina. Naaz
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
2337.पूर्णिका
2337.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अर्ज है
अर्ज है
Basant Bhagawan Roy
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
विद्यार्थी के मन की थकान
विद्यार्थी के मन की थकान
पूर्वार्थ
एक कुंडलिया
एक कुंडलिया
SHAMA PARVEEN
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रकृति प्रेमी
प्रकृति प्रेमी
Ankita Patel
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
गांव में छुट्टियां
गांव में छुट्टियां
Manu Vashistha
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
"कविता क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
*शादी को जब हो गए, पूरे वर्ष पचास*(हास्य कुंडलिया )
*शादी को जब हो गए, पूरे वर्ष पचास*(हास्य कुंडलिया )
Ravi Prakash
लेंस प्रत्योपण भी सिर्फ़
लेंस प्रत्योपण भी सिर्फ़
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा दिन भी आएगा !
मेरा दिन भी आएगा !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का
सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दोस्त को रोज रोज
दोस्त को रोज रोज "तुम" कहकर पुकारना
ruby kumari
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
मुकद्दर तेरा मेरा
मुकद्दर तेरा मेरा
VINOD CHAUHAN
Loading...