Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2018 · 1 min read

*मजदूर* …… (मजदूर दिवस पर विशेष)

हर शख्स नजर आता है मजदूर ….

कोई गमों को ढ़ोता हुआ
कोई तनहाई और अकेलेपन को
कोई ढ़ो रहा है धन को
कोई अपने ही तन को
…………… क्या जीवन का बस यही दस्तूर
…………… हर शख्स नज़र आता है मजदूर

कोई बेसबब ज़िन्दगी ढ़ो रहा है
कुरीतियों के बोझ तले कोई रो रहा है
किसी पर तो है बोझ ऐसा
जो जग रहा है न सो रहा है
………….. बिलखती आत्मा का क्या कसूर
…………… हर शख्स नज़र आता है मजदूर

चमकते हुए चेहरे से छलकता था नूर
जिसकी जवानी में था जोशीला शुरुर
क्यों नज़र आता है मानव अब
किंकर्तव्यविमूढ़, विचारशून्य और मजबूर
…………… क्या मर गया मानव का गुरुर
…………… हर शख्स नज़र आता है मजदूर

हरवंश श्रीवास्तव

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 1181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
Ranjeet kumar patre
भाई हो तो कृष्णा जैसा
भाई हो तो कृष्णा जैसा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
*कमाल की बातें*
*कमाल की बातें*
आकांक्षा राय
आज की प्रस्तुति: भाग 7
आज की प्रस्तुति: भाग 7
Rajeev Dutta
"पंछी"
Dr. Kishan tandon kranti
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बस यूं ही
बस यूं ही
MSW Sunil SainiCENA
अंगुलिया
अंगुलिया
Sandeep Pande
मेहनतकश अवाम
मेहनतकश अवाम
Shekhar Chandra Mitra
2358.पूर्णिका
2358.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🌹Prodigy Love-31🌹
🌹Prodigy Love-31🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
हों जो तुम्हे पसंद वही बात कहेंगे।
Rj Anand Prajapati
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*चौदह अगस्त को मंथन से,निकला सिर्फ हलाहल था
*चौदह अगस्त को मंथन से,निकला सिर्फ हलाहल था
Ravi Prakash
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
" समय बना हरकारा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
बावरी
बावरी
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
Nitesh Kumar Srivastava
मौज-मस्ती
मौज-मस्ती
Vandna Thakur
माँ की यादें
माँ की यादें
मनोज कर्ण
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
मुहब्बत  फूल  होती  है
मुहब्बत फूल होती है
shabina. Naaz
घरौंदा
घरौंदा
Madhavi Srivastava
चुनावी साल में समस्त
चुनावी साल में समस्त
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...