भोजपुरी सरसी छंद आधारित गीत
#नमन_ख़याल_परिवार ???#शुभ_सबेरा
#भाषा – ठेठ भोजपुरी
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.नेताजी
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सगरे दुनिया ढोल पिटवलस, बोले बड़हन बोल।
समझे वाला समझत बाटे, बतिया के सब झोल।।
कुर्सी चाहीं मिले जइसे, करे इ कुटिन उपाय।
पाँच वर्ष भय नेता बनला, बढल बा इकर आय।।
पहिने कबो टूटही चप्पल, आज पाव में बूट।
फटही जामा बात पुरातन, शोभे लागल शूट।।
सच्चा बन क चोरवा देखीं, पीटे लागल ढोल।
सगरे दुनिया ढोल पिटवलस, बोले बड़हन बोल।।
रहे कबो ऊ लंठ गाँव के, आज भइल सरपंच।
चमचन से अब घिरल रहेला, सजल रहेला मंच।।
पहिले त मुखिया बन आईल, खुलल र हें तकदीर।
जबसे जीतल भईल विधायक, बनल धीर गंभीर।।
पाँच बरस त काम न कईलस, लमहर लमहर झोल।
सगरे दुनिया ढोल पिटवलस, बोले बड़हन बोल।।
लम्बा चौड़ा वादा ले के, आयल ह बेइमान।
फसल उगावे मक्कारी के, गंगा जस ईमान।।
कहे कबो हम झूठ न बोलीं, सदा सत्य के साथ।
अगर उन्नति रऊआ चाहीं, पुष्ट करीजां हाथ।।
झूठ साँच के खुलल पिटारा, बोलेला दिल खोल।
सगरे दुनिया ढोल पिटवलस, बोले बड़हन बोल।।
************ स्वरचित, स्वप्रमाणित
✍️पं. संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार