==== भेद – भाव ====
कविता —
[[[[भेद-भाव]]]]
भेद-भाव की दुर्भावना को
ना कभी मन में पनपने दो ||
मस्तिष्क अपना स्वस्थ हो
ईर्ष्या-बीज को ना पड़ने दो ||
छुआ-छूत व ऊँच-नीच को
मन से समूल मिटा डालो ||
द्वेष, घृणा व भेद-भाव को
तुम बेझिझक जला डालो ||
काम-क्रोध व मद-लोभ के
जब तक तुम अधीन होगे ||
ईश्वर और इंसानों से सुदूर
तुम सदा ही दीन-हीन होगे ||
समभाव, समजन की सोच
हर हाल तुम्हें तो उगाना है ||
सुखी परिवार, सुखी समाज
सुखी संसार तुम्हें बनाना है ||
प्रेम – प्रीत की बंशी बजा दो
मृदुल-स्वर के भाव उगा दो ||
जन-जन रंग जाए एक रंग में
ऐसी होली का ताव जगा दो ||
दिनेश एल० “जैहिंद”
07. 02. 2017