Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2017 · 2 min read

भूले माँ का प्यार

परदेशी सुत हो गये , भूले माँ का प्यार ।
हाथ जोड़ विनती करे , खुशी पुत्र परिवार।
गीले में सोती रही, रखा लाल का ख्याल ।
अपनापन दिल में बसा, भूल गया बस लाल ।
श्वेत केश बिखरे वसन, चौथेपन की ओर ।
जिनको पाला शौक से , छोड़ बसा उस छोर ।
===================================
लाल देरी हुई खोजती माँ डगर ।
हाथ रोटी लिए देखती माँडगर।
भोर होने लगी चाँद जाने लगा-
सूर्य भूला नगर देखती माँ डगर।
==============================
मापनी १६/१३
फूलो की घाटी में दिखती, नफ़रत पत्थरबाज में।
दौलत खातिर माँ को बेचे , काफ़िर कायर नाज़ में।
हवशी दौलत मुर्ग मुसल्लम, नलायक औलाद हैं –
भौमासुर से धरती काँपे , त्राहि- त्राहि आवाज़ में ।
==================================
माँ ममता मंदिर हुई , स्नेह सुखद आशीष ।
जाकी जैसी भावना , तस मति दें वागीश ।
तस मति दें वागीश , देव दानव मन रमता ।
धन्य धन्य गुण भाव, कहे जग माँ की ममता ।
=================================
मापनी – २१२ २१२ २१२ २१२
==========================
लाल को देखकर माँ खुशी हो गयी |
प्राण कैसे रहे दिल जमी हो गयी |
पौध फलने लगे , ज्ञान की साख पे |
माँ दिखी इक झलक बतकही हो गयी |
==========================
[बतकही -बातचीत]
========================================
=========================================
हे मातुतेरा महाप्रयाण, सुखद दिली कुछ यादें !
आनन्दम चरणारज़वंदन, विह्वल पुलकित वादें !
——————————————————–
प्रथम नमन् माँ के चरण , जन्मदायनी त्याग ।
लाल प्रेम नित दुख सहे , कहे अहो मम भाग।।
गीले में तू सो गयी , कैसा प्रिय अनुराग ।
बाल प्रेम मृदु गंग जल, तीरथ राज प्रयाग ।।
कभी नहीं देखी चुनर, माटी ममता कीच ।
तनमन से पुलकित हुई ,मातु बाल के बीच।। ।।
===================================
माँ तेरे आँचल की ममता बह गयी !
मनभावना नलिनी जलज बन रह गयी !

राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी

Language: Hindi
413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा
गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा
कवि रमेशराज
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
Satish Srijan
आज़ाद भारत एक ऐसा जुमला है
आज़ाद भारत एक ऐसा जुमला है
SURYA PRAKASH SHARMA
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
Dilip Kumar
देश जल रहा है
देश जल रहा है
gurudeenverma198
पथ पर आगे
पथ पर आगे
surenderpal vaidya
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"जंगल की सैर"
पंकज कुमार कर्ण
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
वह मेरे किरदार में ऐब निकालता है
कवि दीपक बवेजा
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
💐प्रेम कौतुक-277💐
💐प्रेम कौतुक-277💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
I am sun
I am sun
Rajan Sharma
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
पूर्वार्थ
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
रुपया-पैसा~
रुपया-पैसा~
दिनेश एल० "जैहिंद"
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Emerging Water Scarcity Problem in Urban Areas
Emerging Water Scarcity Problem in Urban Areas
Shyam Sundar Subramanian
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
Sunil Suman
इश्क बाल औ कंघी
इश्क बाल औ कंघी
Sandeep Pande
चॉकलेट
चॉकलेट
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नयी शुरूआत
नयी शुरूआत
Dr fauzia Naseem shad
.........?
.........?
शेखर सिंह
#आध्यात्मिक_कविता
#आध्यात्मिक_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...