Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2020 · 1 min read

भिखारी

एक भिखारी जोड़ से, लगा रहा है टेर।
बना निकम्मा आलसी, या किस्मत का फेर।। १

गली-गली में घूमता,फैलाता है हाथ।
दर-दर ठोकर खा रहा, दो बच्चे भी साथ।। २

फटी-पुरानी झोलियाँ, काँधे ऊपर टाँग।
आते-जाते लोग से, भीख रहा है माँग।। ३

सर्दी-गर्मी धूप में, चलता नंगे पाँव।
चैन कभी पाता नहीं, मिले न सुख की छाँव।। ४

हाथ पेट पर फेरता,लगी हुई है भूख।
हड्डी पसली एक है, होठ गए हैं सूख।। ५

दीन-हीन उसकी दशा,है बेबस लाचार।
पाँवों में छाले पड़े,दिखता है बीमार।। ६

हाथों में डंडा लिए,चलता धीमी चाल।
फेके टुकड़े पर नजर,किया भूख बेहाल।। ७

बेबस आँखों में नमी,मुख से निकले आह।
मुट्ठी भर दाना मिले, बस इतनी-सी चाह।। ८

कभी जोड़ता हाथ वह, कभी पकड़ता पैर।
लब पर है लाखों दुआ,माँगे सबकी खैर।। ९

है केवल ढाँचा बचा, चिथड़े पड़े शरीर।
हाय विधाता ने दिया,क्यों फूटी तकदीर ।। १०

-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
14 Likes · 5 Comments · 326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
3263.*पूर्णिका*
3263.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
दुष्यन्त 'बाबा'
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
फैलाकर खुशबू दुनिया से जाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
पूर्वार्थ
■ मुक्तक
■ मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
कोरोना तेरा शुक्रिया
कोरोना तेरा शुक्रिया
Sandeep Pande
मार   बेरोजगारी   की   सहते  रहे
मार बेरोजगारी की सहते रहे
अभिनव अदम्य
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
नन्हीं सी प्यारी कोकिला
नन्हीं सी प्यारी कोकिला
जगदीश लववंशी
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
महान् बनना सरल है
महान् बनना सरल है
प्रेमदास वसु सुरेखा
अधूरा घर
अधूरा घर
Kanchan Khanna
"यह आम रास्ता नहीं है"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
#राम-राम जी..👏👏
#राम-राम जी..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
समय का एक ही पल किसी के लिए सुख , किसी के लिए दुख , किसी के
समय का एक ही पल किसी के लिए सुख , किसी के लिए दुख , किसी के
Seema Verma
भगवान महाबीर
भगवान महाबीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
Kitna mushkil hota hai jab safar me koi sath nhi hota.
Kitna mushkil hota hai jab safar me koi sath nhi hota.
Sakshi Tripathi
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
खारिज़ करने के तर्क / मुसाफ़िर बैठा
खारिज़ करने के तर्क / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आहत बता गयी जमीर
आहत बता गयी जमीर
भरत कुमार सोलंकी
आनंद
आनंद
RAKESH RAKESH
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
Loading...