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11 Jun 2019 · 1 min read

बेटियों का मन

बच्चो की एक कविता है
मछली की कहानी कहती है

मछली जल की रानी है
जीवन उसका पानी है
हाथ लगाओ तो डर जाएगी
बाहर निकालो तो मर जाएगी

ये कविता आज, मछली से ज्यादा,
बेटियो का हाल सुनाती है
दुष्कर्मी के मन के मैल, का
सारा वृतान्त बताती है
हम बेटियों का चंचल मन
इतना कोमल होता है
एक टाफी के लालच मे
जीवन की खुशियाँ खोता है
मै कैसे समझाऊ मन को
ये नादान परिंदा, छोटा है
फिर भी इसको, मै
बड़े प्यार से समझाती हूँ
न जाने कैसे, सबकी
चिकनी चुपड़ी, बातो मे आ जाती हूँ
इसको नहीं समझ रिश्तो की
ये समझे सभी को फरिश्ता है
ये क्या जाने, इस दुनिया मे
इंसानियत से बड़ा, हैवानियत का रिश्ता है

रेखा कापसे
होशंगाबाद (मप्र)

Language: Hindi
3 Likes · 434 Views
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