Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

देश क्या परदेश में भी, छा रहीं हैं बेटियाँ
हर ख़ुशी को आज घर में, ला रहीं हैं बेटियाँ

बाग हमने जो लगाये, थे यहाँ पर देख लो
फूल सबमें अब खिला महका रहीं हैं बेटियाँ

राह है मुश्किल बहुत, मजबूत उनकी चाह है
चोटियों पर आज चढ़ती, जा रहीं हैं बेटियाँ

काम उनका दिख रहा है, नाम उनका हो रहा
फल यहाँ पर मेहनतों का, पा रहीं हैं बेटियाँ

भावना है त्याग की सम्मान है सबके लिये
हर जगह सबके दिलों को भा रहीं हैं बेटियाँ

खेल हो, विज्ञान हो, चाहे सुरक्षा देश की
जिंदगी का हर तराना, गा रहीं हैं बेटियाँ
रचना – बसंत कुमार शर्मा, जबलपुर

619 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
पूर्वार्थ
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*हमारे कन्हैया*
*हमारे कन्हैया*
Dr. Vaishali Verma
Bikhari yado ke panno ki
Bikhari yado ke panno ki
Sakshi Tripathi
रिशतों का उचित मुल्य 🌹🌹❤️🙏❤️
रिशतों का उचित मुल्य 🌹🌹❤️🙏❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दीवाना हूं मैं
दीवाना हूं मैं
Shekhar Chandra Mitra
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
रिश्ते का अहसास
रिश्ते का अहसास
Paras Nath Jha
💐प्रेम कौतुक-472💐
💐प्रेम कौतुक-472💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चिन्ता और चिता मे अंतर
चिन्ता और चिता मे अंतर
Ram Krishan Rastogi
लोगों के अल्फाज़ ,
लोगों के अल्फाज़ ,
Buddha Prakash
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
"मन बावरा"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3063.*पूर्णिका*
3063.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
नेताम आर सी
औरत कमज़ोर कहां होती है
औरत कमज़ोर कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
मैं भारत का जवान हूं...
मैं भारत का जवान हूं...
AMRESH KUMAR VERMA
কুয়াশার কাছে শিখেছি
কুয়াশার কাছে শিখেছি
Sakhawat Jisan
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
बहुत याद आती है
बहुत याद आती है
नन्दलाल सुथार "राही"
"आशा" के दोहे '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*शाकाहारी भोज, रोज सब सज्जन खाओ (कुंडलिया)*
*शाकाहारी भोज, रोज सब सज्जन खाओ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...