Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2020 · 1 min read

बाल कविता …..बस पापा घर पर ही रहना

== बस पापा घर में ही रहना
***************
कब से बच्चे तरस रहे थे।
सपने सारे बिखर रहे थे ।
पापा के संग कब खेलेंगे ?
पापा संग गप्पे पैलेंगें ।
पापा- मम्मी को संग लेकर ,
पार्क में संग झूला झूलेंगे।
सपना देख कब बड़े हो गए ,
पापा को कब वक़्त मिला था।
बिन पापा के बच्चों का,
कब हंसी का फूल खिला था ।
अब ‘कोरोना’ का डर आया।
21 दिन घर में बिठलाया ।
अब सारे मिलकर खेल रहे हैं।
इस आफत को झेल रहे हैं ।
माना अब चिज्जी नहीं आती।
पर पापा की गोद रिझाती।
पापा मत बाहर जाना तुम।
घर की बड़ी जरूरत हो तुम।
जी लेंगे रुखा- सुखा खाकर।
खुश बहुत हम तुमको पाकर।
21 दिन बस घर में रह लो ।
जो कहना है सारा कह लो ।
फिर खुशियों के दिन लौटेंगे ।
हम सब मस्ती घोटेगें।
आप काम पर रोज फिर जाना।
चिज्जी- खूब खिलौने लाना।
पापा तुम ना अब जिद करना।
21 दिन घर पर ही रहना ।
बच्चों वाली बात न समझो।
‘कोरोना’ को आम न समझो ।
बहुत ही घातक दुश्मन आया।
जिसने सबको घर बिठलाया।
हम भूखे -प्यासे रह लेंगे ।
जैसे भी हो सस सह लेंगे ।
कुछ दिन यूं ही काटे जाएं ।
किससे खूब सुनायें जाएं।
दादी वाली बात सुना दो ।
थोड़ा सा मन को बहला दो ।
नहीं उदासी लगती अच्छी।
बिन पानी जिंदा कब मछछी।
21 दिन संग- संग बितेगें।
फिर पापा हम ही जीतेंगे।।
=======
डॉ. नरेश “सागर”
ग्राम.. मुरादपुर… सागर कॉलोनी, जिला -हापुड (उत्तर प्रदेश)
9149087291

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 648 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हवाएँ
हवाएँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
Rituraj shivem verma
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हक़ीक़त ने
हक़ीक़त ने
Dr fauzia Naseem shad
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
बीज
बीज
Dr.Priya Soni Khare
"माफ करके"
Dr. Kishan tandon kranti
विषय:गुलाब
विषय:गुलाब
Harminder Kaur
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
Ranjeet kumar patre
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
Paras Nath Jha
धमकियां शुरू हो गई
धमकियां शुरू हो गई
Basant Bhagawan Roy
रिशते ना खास होते हैं
रिशते ना खास होते हैं
Dhriti Mishra
बस चलता गया मैं
बस चलता गया मैं
Satish Srijan
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
gurudeenverma198
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
सिखों का बैसाखी पर्व
सिखों का बैसाखी पर्व
कवि रमेशराज
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
Kanchan Khanna
Maa pe likhne wale bhi hai
Maa pe likhne wale bhi hai
Ankita Patel
शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
shambhavi Mishra
छोड़ दिया किनारा
छोड़ दिया किनारा
Kshma Urmila
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
अपनी निगाह सौंप दे कुछ देर के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
#शुभ_दिवस
#शुभ_दिवस
*Author प्रणय प्रभात*
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
*हल्दी (बाल कविता)*
*हल्दी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
'सवालात' ग़ज़ल
'सवालात' ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...