बहन बेटियों की लाज बचाइए
मां फिर से अपने हाथों में कटार उठाइए l
लूट रही बहन बेटियों की लाज बचाइए l
मधु ,कैटभ हुए बहुत ,अब हजारों महिषासुर –
आकर शेर की सवारी पर इनको संघारिए l
तड़प तड़प कर मर रही है आप की बेटियां l
कलयुग छू रहा है ,अब पापों की चोटियां l
आकर मां इन पापियों से निजात दिलाइए-
इस दुराचार से है अब त्रस्त आप की दुनियां l
हर एक बालिका में अपना ही रूप दिखाइए l
सो रही उसकी अंदर की काली को जगाइए l
लड़ सके शत्रु से कर सके खुद की सुरक्षा-
शक्ति ऐसी दीजिए और साहस बढ़ाइए l
मां फिर से अपने हाथों में कटार उठाइए l
लूट रही बहन बेटियों की लाज बचाइए l
रीता यादव