Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2019 · 1 min read

बसंत

1
बरसे बादल प्रीत के,प्यारी लगी फुहार
भीग रहे अरमान है, झंकृत मन के तार
बसंती हवा चली है, खिली भी कली कली है
2
भीगा हुआ बसंत है, भीग रही है प्रीत
और लबों से झर रहे, भीगे भीगे गीत
झूम लहराये ये मन, थिरक कर नाचे ये तन

14-02-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-240💐
💐प्रेम कौतुक-240💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुसाफिर
मुसाफिर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"याद"
Dr. Kishan tandon kranti
2657.*पूर्णिका*
2657.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
देश के वीरों की जब बात चली..
देश के वीरों की जब बात चली..
Harminder Kaur
14. आवारा
14. आवारा
Rajeev Dutta
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा  है मैंने
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा है मैंने
शिव प्रताप लोधी
एक ऐसा मीत हो
एक ऐसा मीत हो
लक्ष्मी सिंह
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
अनूप अम्बर
मैं अकेला महसूस करता हूं
मैं अकेला महसूस करता हूं
पूर्वार्थ
दोस्ती
दोस्ती
Shashi Dhar Kumar
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
? ,,,,,,,,?
? ,,,,,,,,?
शेखर सिंह
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
Experience Life
Experience Life
Saransh Singh 'Priyam'
ख्वाबों में मिलना
ख्वाबों में मिलना
Surinder blackpen
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
कल चमन था
कल चमन था
Neelam Sharma
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
कविता के मीत प्रवासी- से
कविता के मीत प्रवासी- से
प्रो०लक्ष्मीकांत शर्मा
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
Pyasa ke dohe (vishwas)
Pyasa ke dohe (vishwas)
Vijay kumar Pandey
*जिंदगी के युद्ध में, मत हार जाना चाहिए (गीतिका)*
*जिंदगी के युद्ध में, मत हार जाना चाहिए (गीतिका)*
Ravi Prakash
Loading...