Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2018 · 2 min read

बलात्कार में ज़िम्मेदार सोशल मीडिया ….

आज दुनिया में बलात्कार का औसत बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। लोग एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं परंतु यह मानने से कतराते की हैं कि इस सब के लिए सब जिम्मेदार हैं और असली कारण को देखने की कोशिश नही करते ,असल में रेप का कारण हैं “लोगो की मानसिकता ” लोगो की मानसिकता इस कदर बेकार हो चुकी है कि उन्हें सही और गलत में फर्क करना मुश्किल हो चुका हैं ,रिश्तो की मान मर्यादा तक भूल गए हैं। इस मानसिकता की वजह हैं अश्लील सोशल मीडिया जिसमे हर उम्र का व्यक्ति जकड़ा हुआ हैं टीवी पर प्रसारित सीरियल में कॉमेडी के नाम पर भी अश्लीलता परोसी जा रही हैं जिनका गहरा असर सभी के दिमाग पर साफ नजर आ रहा हैं यदि एक चैनल पर “महाभारत” आ रही हैं और दूसरे चैनल पर “भाभी जी घर पर हैं ” आ रहा है तो लोग “भाभी जी” देखना ज्यादा पसंद कर रहे है। फिल्मी गानों में शब्दों की इतनी अश्लीलता है और बच्चे उन्हें बड़े शौक से गा रहे हैं उस समय माँ बाप और परिवार वाले उसे हँसी समझ कर नजर अंदाज कर देते हैं और धीरे धीरे वही बच्चा पोर्न तक पहुच जाता है क्योकि आज बच्चो को मोबाइल खिलौने की माफिक दिया जा रहा हैं ।सोशल मीडिया में यह गंदगी पूरी तरह फैल चुकी है क्योंकि जनता उसे बढ़ावा दे रही हैं और फिर कल किसी बेटी का रेप हो जाये तो लोग या तो उसे कुल्टा कहेंगे या फिर रेपिस्ट को नीच लेकिन असल वजह को रोकने की कोशिश कोई नही करता , एक और बात इन घिनोने कृत्य को बढ़ावा दे रही हैं सजा का सही प्रावधान ना होना।कुछ कांड तो आग की तरह मीडिया में फ़ैल जाते हैं और वही कितने ऐसे केस होते हैं जहाँ कही लड़की तो कही घरवाले इज्जत की खातिर चुप रह जाते हैं और लड़की पर ही पाबन्दी लगा दी जाती हैं ये जुर्म करने वाले से भी बड़ा जुर्म हैं कि अगर उसे आज खुला छोड़ दिया जाता हैं तो वो फिर किसी बेटी की जिंदगी बर्बाद करेगा ।ऐसे लोगो को फाँसी या आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए तो शायद इन घटनाओं में कमी हो सकें और साथ में अपने बच्चो को बेहूदी सोशल मीडिया से दूर रखें और जो इसमें जकड़े हुए हैं उन्हें इस मानसिकता से उबारने की आवश्यकता हैं……

Language: Hindi
Tag: लेख
8 Likes · 491 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" मैं कांटा हूँ, तूं है गुलाब सा "
Aarti sirsat
*रिश्वत ( कुंडलिया )*
*रिश्वत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"मयकश बनके"
Dr. Kishan tandon kranti
अब छोड़ दिया है हमने तो
अब छोड़ दिया है हमने तो
gurudeenverma198
कृष्ण की फितरत राधा की विरह
कृष्ण की फितरत राधा की विरह
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
उड़ते हुए आँचल से दिखती हुई तेरी कमर को छुपाना चाहता हूं
Vishal babu (vishu)
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
विनती
विनती
Kanchan Khanna
💐प्रेम कौतुक-465💐
💐प्रेम कौतुक-465💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
प्रेम
प्रेम
Dr.Priya Soni Khare
बचपन -- फिर से ???
बचपन -- फिर से ???
Manju Singh
3044.*पूर्णिका*
3044.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
चली पुजारन...
चली पुजारन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
मैं तो महज चुनौती हूँ
मैं तो महज चुनौती हूँ
VINOD CHAUHAN
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
Ajay Kumar Vimal
हिन्दी दोहा -स्वागत 1-2
हिन्दी दोहा -स्वागत 1-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
विमला महरिया मौज
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
.
.
Amulyaa Ratan
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
DrLakshman Jha Parimal
#तेवरी / #देसी_ग़ज़ल
#तेवरी / #देसी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Manisha Manjari
Loading...