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15 Apr 2018 · 8 min read

बलात्कारी आईना

केला को होश आया तो अपने को अधनंगी हालत में पा कर रोने लगी। बलात्कारी हंसने लगे। मोबाइल दिखा कर और ऊँगली होंठों पर रख कर उसे चुप रहने का और फिर उसके घरवालों को काट डालने की धमकी देने लगे। 50 साल का होरीलाल यह देख देख मुस्कुरा रहा था।
” अपने भाई को समझा दे कि मेरे विरुद्ध लोगों को भड़काना बंद करे वर्ना खेत पर बार बार हल चलते रहेंगे। समझी। ” होरीलाल ने उसका चेहरा ऊपर किया और झटके से उसे अपने बाहुपाश में ले कर अपने आदमियों के सामने ऐसे फेंका जैसे किसी मेरे जानवर को।
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बाहुबली विधायक होरीलाल पसीने से तरबतर अपने महल नुमा घर में जैसे ही दाखिल हुआ उसका सामना उसकी पत्नी रेवती से हो गया।
” अब कौन से काण्ड से बचने की जुगत में हो ? कौन सा काण्ड करके आये हो ?” रेवती अपने पति की रग रग से वाक़िफ़ थी।
‘ देखो , तुम बेकार की तानेबाज़ी रहने दो । समझी तुम। मेरे को चीफ मिनिस्टर से बात करनी है ” कह कर होरीलाल अंदर चला गया। रेवती समझ चुकी थी कि मामला गंभीर ही नहीं बहुत ही गंभीर था।
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” हरामज़ादे। उसको, डरा ,धमका , मार, पीट। खबरदार अगर एफ आई आर दर्ज की तो। तेरे को इस थाने का प्रभारी इस लिए नहीं बनवाया कि मेरे खिलाफ औरों की बाते सुने। समझा। ” होरीलाल मोबाइल पर चीख रहा था।
” जी , सरकार। आप निश्चिन्त रहें ” शाम तक यह लौंडा सुरेंदर आपके सुर में ही सुर मिला रहा होगा ” उधर से आवाज आयी।
” और उस लड़की को भी संभाल जा कर। जो मांगे सब दे दे। समझा।’ होरीलाल चीखा और मोबाइल बिस्तर पर पटक दिया।
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पूरे शहर में बाहुबली होरीलाल का दबदबा था। उसके विरुद्ध बोलने की किसी में भी हिम्मत नहीं थी पर आज एक लड़की केला ने उसके इस दबदबे में सेंध लगा कर पूरे ज़िले में तहलका मचा दिया था । ऊंट पहली बार किसी पहाड़ के नीचे आया था।
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रेवती एक बेहद खूबसूरत और पढ़ी लिखी महिला थी जिसे बाहुबली विधायक होरीलाल ने उसकी मर्ज़ी के खिलाफ उस के माँ बाप के ऊपर दबाव डलवा कर, शादी कर ली थी। बेमेल और बेमन की शादी का असर उनकी रोजमर्रा के जीवन पर हमेशा दिखाई देता था । स्नातकोत्तर रेवती कहने मात्र को होरीलाल की असली पत्नी थी वरना शारीरिक और मानसिक रूप से वह अपने को कब की विधवा ही मान चुकी थी। अगर वह ज़िंदा थी तो आशा के कारण। उनके एक लड़की आशा थी ,जो बंगलोर में मेडिकल कर रही थी। शीघ्र ही उसकी शादी जिले के ही पुलिस मुख्यालय में तैनात डी सी पी अमित कुमार से होने वाली थी।
अमित और आशा बचपन से ही एक दुसरे को जानते समझते थे। अमित का पिता बाहुबली होरीलाल का दाहिना हाथ था जो अचानक एक दुर्घटना में मारा गया था I दबी जबान में उसकी मौत में होरीलाल का हाथ होने की सुगबुगाहट थी। अमित और आशा को भी यही अंदेशा था पर कोई सबूत ना होने के कारण अमित कुछ भी नहीं कर पा रहा था। अवैध कारोबार, दबंगई और अमानवीय व्यवहार के कारणों से आशा अपने पिता से बचपन से ही कतराती थी। जैसे जैसे आशा बड़ी होती गयी होरीलाल के कुकृत्यों की परतें खुलने लगी। वह अपने पिता से घृणा करने लगी थी। इसी कारण उसने रेवती से मान-मनौअल कर अपने शहर से दूर बंगलोर में अपनी पढ़ाई जारी रखी।
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सुबह सुरेंदर की लाश जंगल में मिली। लगता था बहुत बुरी तरह से उसको प्रताड़ित किया गया था। शरीर का कोई अंग ऐसा नहीं था जो उसकी यातना के गवाह नही हों। सुरेंदर की बहन केला ने जमीन आसमान सर पर उठा लिया। केला के साथ होरीलाल और उसके साथियों द्वारा किये गए सामूहिक बलात्कार के बारे में जब उसके भाई सुरेंदर को पता चली तो वह रपट लिखने पुलिस थाने गया था जहाँ से वह ज़िंदा वापस नहीं आया। उसने और उसके जाती वालों ने लाश को बीच चौराहे पर रख सड़क जाम कर दी। बाहुबली होरीलाल के विरुद्ध नारे लगने लगे। मीडिया के लोग आ गए। पुलिस और बाहुबली होरीलाल के समर्थकों ने केला और उसके साथियों को सड़क से हटाने की नाकाम कोशिश की तो केला ने एक ऐसा रहस्योदघाटन किया जिससे पूरा मीडिया और सरकारी महकमा सकते में आ गया। बाहुबली होरीलाल ने उसके साथ ही नहीं उसके गांव की कई लड़कियों का नौकरी देने का झांसा दे कर शोषण और बलात्कार किया था। यौन शोषित हर लड़की के नाम गिनाये उसने। बात आग की तरह फ़ैल गयी। टी वी वालों को अपनी टी आर पी चमकाने का , अख़बार वालों को पहले पृष्ठ की सुर्खियां बटोरने का और राजनीती करने वालों को एक दुसरे पर कीचड़ और लांछन लगाने का एक ऐसा मुद्दा मिल गया जिसने विधानसभा का पूरा सत्र का काम काज ही प्रभावित कर दिया। केला की चीख पुकार, उसकी याचना, उसके घरवालों की गुहार का असर बस इतना हुआ कि जांच थाना प्रभारी से लेकर , एस आई टी और अंत में सी बी आई को सौंप दी गयी।
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रेवती आशा से कुछ नहीं छिपाती थी और आशा अमित से। जिले का डी एस पी होने के नाते अमित ने होरीलाल को समझाने की कई बार कोशिश की पर होरीलाल आशा से शादी रुकवाने की धमकी दे देता था।। चुनाव सर पर थे। बाहुबली विधायक होरीलाल के लिए केला प्रकरण उसकी नाक का सवाल बन चूका था। साम, धाम , दंड , भेद से वह इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने लग गया। चीफ मिनिस्टर ने जब उसको तलब कर इस्तीफा देने को कहा तो २० प्रतिशत वोटों के साथ दूसरी पार्टी में जाने की धमकी दे कर आ गया। उधर आशा भी अपने बाप के अमानवीय कृत्यों को समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से देख सुन कर मानसिक वेदना का शिकार हो रही थी। आशा और अमित इंटरनेट के ज़रिये इसी विषय पर बात करते रहते।
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होरीलाल अपने गुर्गों के साथ बैठा बतिया रहा था। हंसी ठठा , पीना पिलाना चल रहा था।
“भाई जी। आज तक किसी माई के लाल ने आपको चुनौती नही दी। यह लोंड़िया तो लगता है गले में की हड्डी बन गयी है। कहो तो इसका भी एक्सीडेंट करवा दें ”
इस पहले कि होरीलाल कुछ कहता कि मोबाइल बज उठा। होरीलाल के इशारे पर एक गुर्गे ने फ़ोन उठाया।
” भाई जी, पता नहीं कौन है #@#@, आपको पूछ रहा है। ”
होरीलाल ने बड़ी ही हिकारत से फोन उठाया ‘ ” कौन है बे ”
उस तरफ से कोई ऐसा कुछ बोल रहा था कि होरीकेलाल के चेहरे पर हवाई उड़ने लगी। वह झटके से उठ खड़ा हुआ। बाहुबली का सारा बदन कांप रहा था।
” अबे @#@#@# निकलो तुम सब। ” वह चीखा। ” अबे लंगड़े , तू रूक , मेरे को लैपटॉप निकल के दे , अलमारी से। जल्दी। स्काई पी लगा। ” लंगड़े ने
लैपटॉप निकल कर स्काई पी लगा दिया ‘
“जाता क्यों नहीं तू @#@#@” होरीलाल ने लंगड़े पर पिस्तौल तान दिया। लंगड़ा कमरे से बाहर निकल गया।
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फ़ोन पर दिए गए नंबर पर होरीलाल ने स्काई पी चालू कर दिया। वीडियो साफ़ था। आशा अर्धनग्न हालत में होरीलाल से सामने खड़ी थी और उसके आस पास
कुछ खूंखार से दिखने वाले व्यक्ति केवल चड्डी पहने नज़र आ रहे थे।

“क्यों ? होरीलाल। अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो तेरी इस लड़की का भी वही हाल होगा तो केला का तुम लोगों ने किया ” बोलनेवाला सामने दिखाई नहीं दे रहा था। ”
आशा को शायद कुछ पदार्थ खिला दिया था। वह लगभग बेहोश सी थी फिर भी बाप की आवाज सुन कर चीखी , ” बापू , मुझे बचा लो , बापू ”
होरीलाल क्रोध से कांपने लगा। ” मैं तुमको छोडूंगा नहीं , कुत्तो ” इससे पहले वह कुछ और कहता , आशा को एक व्यक्ति ने अपनी बाँहों में लेकर उसको नीचे लेटा दिया। होरीलाल की हालत उस शेर की तरह हो गयी जिसे खरगोश ने कुंए में उसकी परछाई दिखा दी हो।
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मनुष्य ने जब से आईने का आविष्कार किया है तब से आज तक आईना हमेशा ही प्राणी को उसकी अपनी छवि को दिखता रहा है। छवि शारीरिक हो या मानसिक। दोनों पर हुआ असर आईने में साफ़ साफ़ दिखाई देता है। होरीलाल के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था। सामने लगे आईने के सामने क्रोध के कम्पन से लाचार, असहाय वह अपने आप को अशक्त महसूस कर रहा था। आईना उसको एक चलचित्र की भांति उसके द्वारा किये गए कुकर्मो की याद दिला रहा था। उसे ऐसा लग रहा था मानो आईना उसका ही बलात्कार कर रहा हो।
” क्या चाहते तुम ?” होरीलाल घिघियाता हुआ बोला ।
“जितने तुमने कर्म किये हैं उनका काला चिठ्ठा लिख , अभी , इसी वक्त ” उधर से भारी भरकम आवाज में कोई बोला।
दूसरों की बेटी को बेटी ना मानने वाला बाहुबली होरीलाल अपनी बेटी की वह हालत नहीं देख सका और उसने अपने केला प्रकरण समेत पूर्व में किये गए कारनामों का खुलासा कर दिया।
” देखो , मैंने इस में सब लिख दिया है। अब तो मेरी बेटी को छोड़ दो ” होरीलाल बेजान स्वर में बोला।
” ठीक है। छोड़ देंगे। पहले जोर से पढ़ कर सुनाओ” उधर से आवाज आयी।
होलीलाल के पास कोई चारा नहीं था। वह ज़ोर ज़ोर से चिठ्ठी पढ़ने लगा। चिठ्ठी खत्म होते ही उसने गुहार लगायी।
“अब तो छोड़ दो, मेरी बेटी को ”
” ठीक है। छोड़ रहे हैं। आ रही है तुम्हारे पास। ” उधर से ज़ोर से हँसने की आवाज़ आयी और स्काई पी बंद हो गया।
होरीलाल इससे पहले की कुछ समझे , दरवाज़ा ज़ोर से खुला। दरवाज़े पर आशा खड़ी थी। घृणा की दृष्टि से उसने ज़मीन पर थूक दिया। उसके पीछे रेवती, रेवती के पीछे डी एस पी अमित , डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट और सब से पीछे राज्य के चीफ मिनिस्टर दाखिल हो गए साथ में चंद पुलिस अफसर। अमित ने चिठ्ठी होरीलाल से ले कर डी एम को पकड़ा दिया और साथ में एक मीनयेचूर वीडियो कैसेट भी। होरीलाल पहले तो सन्न रह गया पर उसका जली हुई रस्सी वाला हाल था जिसकी ऐंठन अभी तक नहीं गयी थी।
” एक एक को देख लूँगा। चीफ मिनिस्टर @#$@# तेरी तो सरकार गयी। २० प्रतिशत वोट……………………………?

“देश की यही तो विडंबना है कि हर सरकार केवल २० प्रतिशत सांप्रदायिक , सामुदायिक , धार्मिक या जातिगत ताकतों के बल पर ही बनती है और इन्ही ताकतों का तुष्टिकरण करते करते हम आज अपने देश को इस दशा में ले आयें हैं कि हमारी सारी प्रगतिशाली योजनायें हर प्रकार से बाधित हो रही हैं। यह हमारे संविधान के साथ बलात्कार नहीं तो क्या है। २० प्रतिशत अपनी जेब में रख होरीलाल , जेल में काम आएंगे” चीफमिनिस्टर ने होरीलाल को और उसके सभी साथियों को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया।
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चीफ मिनिस्टर साहिब अमित, आशा और रेवती की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। आशा अपने बाप के कारनामों के कारण हॉस्टल में हंसी का पात्र बन रही थी। सो उसने और अमित ने मिल कर होरीलाल को घेरने की योजना बनायीं जिसमें चीफ मिनिस्टर के कहने पर रेवती , जिला मजिस्ट्रेट को भी शामिल कर लिया गया था। योजना होरीलाल के घर के दुसरे कोने में ही क्रियान्वित की गयी। केला को आखिर इन्साफ मिलने की उम्मीद दिखाई दी।
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फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चला। होरीलाल और उसके प्रमुख साथियों को उम्रकैद की सजा हो गयी। अमित ने आशा के साथ शादी कर ली। रेवती ने होरीलाल को तलाक दे दिया। एक एन जी ओ ने केला को अपना कर उसे हस्त कौशल की शिक्षा देने लगी।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल।
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कृपया संज्ञान लें :-
“इस कहानी के सभी पात्र और घटनाए काल्पनिक है, इसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा।”

Language: Hindi
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