Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2017 · 1 min read

बचपन की हर बात निराली

?????
बचपन तो बचपन है
बचपन की हर बात निराली।
गुड्डा गुड़िया,खेल खिलौने
बस यादें रह जाती है सारी।
कभी याद कर हम
बीते दिनों की कहनी।
कभी हम मुस्कुराते हैं
कभी निकल आती है ,
आँखों से पानी।
बचपन तो बचपन है
बचपन की हर बात निराली
????-लक्ष्मी सिंह??

601 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
"भूल गए हम"
Dr. Kishan tandon kranti
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
सत्य कुमार प्रेमी
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
Surinder blackpen
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
आप  की  मुख्तसिर  सी  मुहब्बत
आप की मुख्तसिर सी मुहब्बत
shabina. Naaz
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
राह हमारे विद्यालय की
राह हमारे विद्यालय की
bhandari lokesh
2259.
2259.
Dr.Khedu Bharti
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
💐प्रेम कौतुक-450💐
💐प्रेम कौतुक-450💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नैनों में प्रिय तुम बसे....
नैनों में प्रिय तुम बसे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
रोटियां जिनका ख़्वाब होती हैं
रोटियां जिनका ख़्वाब होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
!.........!
!.........!
शेखर सिंह
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
Ravi Prakash
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
ruby kumari
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दुखों का भार
दुखों का भार
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
मुस्कराओ तो फूलों की तरह
मुस्कराओ तो फूलों की तरह
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
फितरते फतह
फितरते फतह
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
न तोड़ दिल ये हमारा सहा न जाएगा
न तोड़ दिल ये हमारा सहा न जाएगा
Dr Archana Gupta
लाश लिए फिरता हूं
लाश लिए फिरता हूं
Ravi Ghayal
Avinash
Avinash
Vipin Singh
जहां तक तुम सोच सकते हो
जहां तक तुम सोच सकते हो
Ankita Patel
Loading...