Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2020 · 1 min read

प्रिय उम्मीद

जब तुम आती
बेजान में भी जीवन की श्वास फुक जाती हो।

यकीन न भी हो जिसपे
उस पर भी उम्मीद की किरण छोड़ जाती हो

देकर उम्मीद
बुरे को अच्छा नजरों में बना जाती हो।

हो जितना भी बुरा कोई
उम्मीद अक्सर यही कर जाती हो।

नहीं रहता डर तुम्हें
मगर उम्मीद पे ही कैसे जहां नया तैयार कर जाती हो?

जब तुम आती
बेजान में भी जीवन की श्वास फुक जाती हो।

–Prabha Nirala

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
"गाय"
Dr. Kishan tandon kranti
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
शांतिवार्ता
शांतिवार्ता
Prakash Chandra
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
कैसे लिखूं
कैसे लिखूं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
💐अज्ञात के प्रति-129💐
💐अज्ञात के प्रति-129💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चांद कहां रहते हो तुम
चांद कहां रहते हो तुम
Surinder blackpen
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
DrLakshman Jha Parimal
भोर अगर है जिंदगी,
भोर अगर है जिंदगी,
sushil sarna
■ अक्लमंदों के लिए।
■ अक्लमंदों के लिए।
*Author प्रणय प्रभात*
सच के सिपाही
सच के सिपाही
Shekhar Chandra Mitra
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
महादेव को जानना होगा
महादेव को जानना होगा
Anil chobisa
एक बात तो,पक्की होती है मेरी,
एक बात तो,पक्की होती है मेरी,
Dr. Man Mohan Krishna
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
गांव
गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऐ सुनो
ऐ सुनो
Anand Kumar
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2886.*पूर्णिका*
2886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
मैं नन्हा नन्हा बालक हूँ
अशोक कुमार ढोरिया
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
दीप माटी का
दीप माटी का
Dr. Meenakshi Sharma
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
Loading...