Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

***प्रदूषण एक बड़ी समस्या***

*प्रदूषण है एक बड़ी समस्या,
काबू इस पर पाना है|
प्रदूषण को दूर भगाकर
स्वच्छ वातावरण हमें लाना है|

*प्रदूषण की खातिर लोगों,
ओजोन परत हो रही है नष्ट|
नहीं पाया अगर इस पर काबू,
दुनिया हो जाएगी पल भर में ध्वस्त|

*प्रदूषण की इस समस्या को,
मिलकर दूर भगाएँगे|
फेंकेंगे न कूड़ा इधर-उधर,
गंगा नदी को प्रदूषण रहित बनाएँगे|

*सीएनजी का उपयोग करेंगे,
पैैट्रोल वाहनों को न चलाएँगे|
प्रदूषण कभी न हो धरती पर,
ऐसी व्यवस्था अपनाएँगे|

*पर्यावरण अगर होगा दूषित,
बीमारियों को लाएगा|
डेंगू मच्छर फैलेंगे फिर से,
घर-घर में मातम छाएगा|

*साफ-सफाई रखोगे अगर तुम,
मोटर वाहन कम चलाओगे|
वायु दूषित कम होगी,
ओजोन परत तभी बचा पाओगे|
ओजोन परत तभी बचा पाओगे |||||

Language: Hindi
1474 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3049.*पूर्णिका*
3049.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Birthday wish
Birthday wish
Ankita Patel
कृष्ण दामोदरं
कृष्ण दामोदरं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नशा
नशा
Mamta Rani
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है
शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है
Buddha Prakash
इंसानो की इस भीड़ में
इंसानो की इस भीड़ में
Dr fauzia Naseem shad
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
"गुलशन"
Dr. Kishan tandon kranti
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सम्बन्धों  में   हार  का, अपना  ही   आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
Dr Archana Gupta
*जहाँ बस भाईचारा हो 【मुक्तक 】*
*जहाँ बस भाईचारा हो 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
Harminder Kaur
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
मिट्टी का बदन हो गया है
मिट्टी का बदन हो गया है
Surinder blackpen
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक- 292💐
💐प्रेम कौतुक- 292💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कोशी के वटवृक्ष
कोशी के वटवृक्ष
Shashi Dhar Kumar
"बाजरे का जायका"
Dr Meenu Poonia
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
क्रोटन
क्रोटन
Madhavi Srivastava
अपने हक की धूप
अपने हक की धूप
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
Phool gufran
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
Er. Sanjay Shrivastava
दीवानी कान्हा की
दीवानी कान्हा की
rajesh Purohit
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
Adarsh Awasthi
झुग्गियाँ
झुग्गियाँ
नाथ सोनांचली
Loading...