Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2020 · 1 min read

प्रकृति की गोद

पूर्व काल से है उदघोषित,
कभी न करना पर्यावरण प्रदूषित ।
वेद शास्त्र ऋचाएँ किया बखान,
समझ वृक्ष पुत्र, हो कल्याण ।
हर एक वृक्ष है जीवन दाता,
शदियों से कहा वह भाग्यविधाता ।
स्वस्थ प्रकृति की चंचल धारा,
सिचे जग को बन उजियारा ।
सच पूछो जीवन में प्रगति का आना,
है कहीं सत्य समृद्ध निशाना ।
प्रमुदित हो न कर प्रकृति खंड,
प्रगति ही दे दे भीषण दंड ।
इसका सौंदर्य है बिष का हाला,
भूतल गिरता जो है अति पीने वाला ।
प्रगति सौंदर्य से न लिपटो बंधु,
यह काल-विक्राल का मुख है सिंधु।
पर्यावरण नेह जब-जब टूटा बंधु,
हुआ प्रवाह-प्रलय का विलाप रे धु- धु।
धरती से जीवन का अंत हुआ,
जाने कितने हिमयुग उतंग हुआ ।
तड़प तड़प कर निज सम्मुख,
निज जन का ही अंत हुआ ।
हमसब प्रकृति के ही उपादान,
थोड़ा भी कर उसका सम्मान ।
वृक्ष कर्तन पर जा छा बन अवरोध,
पले हम सदा प्रकृति की गोद
धरती माता आज कहे पुकार,
रोप वृक्ष कर जीवन साकार ।
चल मिटा, धरा का भाव कलुषित,
थल-जल-नभ मिल गाए राग हर्षित ।
पूर्व काल से है उदघोषित,
कभी न करना पर्यावरण प्रदूषित ।

-उमा झा

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from उमा झा
View all
You may also like:
खुशियाँ
खुशियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
आखिर कब तक
आखिर कब तक
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिंदगी की खोज
जिंदगी की खोज
CA Amit Kumar
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
Mamta Singh Devaa
मेला झ्क आस दिलों का ✍️✍️
मेला झ्क आस दिलों का ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
और प्रतीक्षा सही न जाये
और प्रतीक्षा सही न जाये
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
प्यार ~ व्यापार
प्यार ~ व्यापार
The_dk_poetry
23/89.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/89.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उम्मींदें तेरी हमसे
उम्मींदें तेरी हमसे
Dr fauzia Naseem shad
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
Phool gufran
"अखाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
हश्र का मंज़र
हश्र का मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
Pahado ke chadar se lipti hai meri muhabbat
Pahado ke chadar se lipti hai meri muhabbat
Sakshi Tripathi
7) पूछ रहा है दिल
7) पूछ रहा है दिल
पूनम झा 'प्रथमा'
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खेल संग सगवारी पिचकारी
खेल संग सगवारी पिचकारी
Ranjeet kumar patre
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रभु नृसिंह जी
प्रभु नृसिंह जी
Anil chobisa
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
एक संदेश बुनकरों के नाम
एक संदेश बुनकरों के नाम
Dr.Nisha Wadhwa
"अमर रहे गणतंत्र" (26 जनवरी 2024 पर विशेष)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
लक्ष्मी सिंह
कदीमी याद
कदीमी याद
Sangeeta Beniwal
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...