Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2018 · 1 min read

प्यारी बेटी जान्हवी —

प्यारी बेटी जान्हवी —- दोहे चार
व्यक्त मौन से जान्हवी , तुम क्यों हो अंजान ।
नयन उनींदे अधखुले , नहीं सकें पहचान । ।
सोई पलकों में किसे , बैठी अपना मान ।
सपनों में पाकर किसे , खोया तेरा ध्यान । ।
सौंदर्य नूतन धवल , यौवन की मझधार ।
बेटी उपवन में सहज , भ्रमर करें गुंजार । ।
काजल जीवन दीप दे , उजियाले का ध्यान ।
रहें प्रकाशित घर सदा , बढ़े सदा सम्मान । ।
डा प्रवीण श्रीवास्तव 28-01-2018

Language: Hindi
3 Likes · 547 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
जीवन संग्राम के पल
जीवन संग्राम के पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-299💐
💐प्रेम कौतुक-299💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2735. *पूर्णिका*
2735. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
सियासत हो
सियासत हो
Vishal babu (vishu)
दुखों का भार
दुखों का भार
Pt. Brajesh Kumar Nayak
माँ
माँ
ओंकार मिश्र
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
युद्ध घोष
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आंख खोलो और देख लो
आंख खोलो और देख लो
Shekhar Chandra Mitra
कैसे बचेगी मानवता
कैसे बचेगी मानवता
Dr. Man Mohan Krishna
★
पूर्वार्थ
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने दर्द मे घुलने लगा हूँ ।
Ashwini sharma
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
फितरत
फितरत
Sukoon
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
हार पर प्रहार कर
हार पर प्रहार कर
Saransh Singh 'Priyam'
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
*मंदोदरी (कुंडलिया)*
*मंदोदरी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुस्कुराहटों के मूल्य
मुस्कुराहटों के मूल्य
Saraswati Bajpai
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
इश्क़ का असर
इश्क़ का असर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD CHAUHAN
ख्वाइश है …पार्ट -१
ख्वाइश है …पार्ट -१
Vivek Mishra
" चर्चा चाय की "
Dr Meenu Poonia
लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा
लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"संविधान"
Slok maurya "umang"
Loading...