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9 Apr 2019 · 1 min read

पुलवामा अटैक

मुल्क मेरा डस रहे है नाग ये काले कई
सुन जवानों की शहादत आज दिल दहके कई
देख कर इनकी शहादत आसमां भी रो रहा
याद में इनकी न घर में है जले चूल्हें कई

जो अरमान सजो रखे सजने से पहले बिखर गये
लौट वापस आने की कह न जाने किस डगर गये
पलक बिछाए बेटी पत्नी माँ की साँसे टूट गई है
अब न वापस आओगे लोट तुम तो हो अमर गये

किसी की माँग का सिन्दूर तो किसी का भाई था
पापा पापा चिल्लाती जो उस बेटी की परछाईं था
धर्म क्या जाने वो शातिर जो खून से खेले होली.
आत्मा मर गई कर सका भगवान न भरपाई था

Language: Hindi
76 Likes · 487 Views
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