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2 Feb 2021 · 1 min read

हमसफर

हमसफर

प्रेम की सीढ़ी
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ
बन जाती हर बात
पूरी होती आस।

सुख में मैं चहकूँ
दुख भी सह जाऊँ
धूप छाँव जीवन के
एक भाव जी जाऊँ।
बस…..
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ।

कुछ अपनी कहूँ
कुछ तुम्हारी सुनू
राज हर तुम से खोलूँ
विश्वास का बीज बोलूँ
बस…..
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ।

साथ तुम्हारा है सब से प्यारा
शायद दुनिया में सबसे न्यारा
हर रिश्ता है अब तुम से बाद
न रखूँ किसी से कोई आस
बस……..
हमसफर मेरे
गर तुम हो साथ

नीरजा शर्मा

28 Likes · 60 Comments · 671 Views
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