Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2016 · 1 min read

परिवर्तन की लहर चली है

परिवर्तन की लहर चली है भ्रष्टाचार है पहला निशाना ।
क़दम से क़दम मिलाना होगा तभी तो होगा आगे जाना ॥
कठिनाई तो आती ही है जनता को है यह समझाना ।
आपका पैसा आपका ही है सिर्फ लुटेरे बने निशाना ॥
बेंक वाले सब भाई बंधु है इनका हमको साथ निभाना ।
परेशान होकर लाइन से नहीँ बनाओ इन्हे निशाना ॥
सुबहा आठ से शाम आठ तक छुट्टी में भी कार्य कराना ।
देश के हित में लिये निर्णय का हर हालत में साथ निभाना ॥
सब कुछ हम पर ही निर्भर है इस संकट से पार है पाना ।
हर संकट का है इलाज संयम और हिम्मत हमें बताना ॥
कठिन समय दस पंद्रह दिन का फ़िर आयेगा समय पुराना ।
देश बने सोने की चिड़िया फ़िर से सबको यही बताना ॥
हम है शिल्पकार भारत के हमें है इसको स्वच्छ बनाना ।
आओ कसम लें हर हालात में है मोदी का साथ निभाना ॥

विजय बिज़नोरी

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 636 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all
You may also like:
कितनी आवाज़ दी
कितनी आवाज़ दी
Dr fauzia Naseem shad
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
আমি তোমাকে ভালোবাসি
আমি তোমাকে ভালোবাসি
Otteri Selvakumar
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
Dr MusafiR BaithA
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/22.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
जो दिखता है नहीं सच वो हटा परदा ज़रा देखो
आर.एस. 'प्रीतम'
।। मतदान करो ।।
।। मतदान करो ।।
Shivkumar barman
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
कल देखते ही फेरकर नजरें निकल गए।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
पूर्वार्थ
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
"आत्मकथा"
Rajesh vyas
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
प्रदीप : श्री दिवाकर राही  का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
Ravi Prakash
वो आदनी सस्ता या हल्का
वो आदनी सस्ता या हल्का
*Author प्रणय प्रभात*
आरजू
आरजू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
💐प्रेम कौतुक-387💐
💐प्रेम कौतुक-387💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शीत .....
शीत .....
sushil sarna
Loading...