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8 May 2018 · 1 min read

परिण्य- सूत्र

खत्म हुआ इंतजार सारा
इक घड़ी आने वाली है,
उन हथेलियों पे मेहंदी सजने वाली है।
महक फैला रहे है जो
गुलाब अपनी खुशबू से,
न तोड़ो उन शाखाओं को
काली उन पर खिलने वाली है।
उन हथेलियों पे मेहंदी सजने वाली है।
अम्बर दिखा रही है खुशियों का जलवा
बहार शबनमी गिरा रही है।
वो शख्स जो इंतजार कर रहे शाम का
वो शाम ढलने ही वाली है,
उन हथेलियों पे मेहंदी सजने वाली है।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 423 Views
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