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14 Jan 2020 · 1 min read

परम है प्यारी हिंदी

कुंडलियाँ– परम है प्यारी हिंदी

हिन्दी भाषा से मिला,
जग में है पहचान।
स्वर व्यंजन के मेल से ,
मिलता अनुप विधान।।
मिलता अनुप विधान,
सृजन को करता पावन।
भाव भरो जो सार,
लगेगा वह मनभावन।।
कह डिजेन्द्र करजोरि,
देश की है जो बिंदी।
जिस पर हमें गुमान,
परम है प्यारी हिंदी।।
~~~~~ ◆◆◆◆◆◆~~~~~~
रचनाकार-डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. ‌8120587822

1 Like · 1 Comment · 295 Views
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