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8 Mar 2017 · 1 min read

परदेश में नियम

परदेश में जाते हो तो इतना तो ध्यान लाना।
रोकूँ न तुमे पलभर मर्जी हो जहाँ जाना।

जो रजनी को भी साजन,
तुम कहीं और गुजारोगे
में भी निशा बिताऊंगी,
जैसे आप बिताओगे।
यह सोचकर के जानम,
कोई घात नही करना।
रोकूँ ना…..

खिलते हुय गुंचे भला,
किसको न लुभाते हे।
महके हुय उपवन भी,
सबको ही भाते हे।
पर पाने को कुसुम कोई,
तुम पास नही जाना।

रोकू न तुमे….
किसी और का भोजन भी,
कितने दिन भाता हे।
बाहर का खाना अक्सर,
पीड़ा पहुंचाता हे।
सो उपवास भले ही करना,
पर कही और नही खाना।
रोकू ना…

अनजान जगह के तो,
पत्थर भी लुभाते हे।
पर पास अगर जाओ ,
तो चोटे दे जाते हे।
सो सावधान रहना,
ठोकर न कभी खाना।
रोकू ना….

गैरों की गाड़ी तो,
सबको ही लुभाती हे
अरे नई और पुराणी क्या,
मन को भरमाती हे।
पर जिस गाड़ी कापता नही,
मधु हाथ नही लेना।
रोकू न तुमे….

***मधु गौतम

Language: Hindi
Tag: गीत
315 Views
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