Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2017 · 1 min read

पतझड़

लो फिर आ गया ..पतझड़ का मौसम
फिर पत्तों से पेड़ों की बेरुखी होगी
फिर से वही दोनों में गुमशुदी होगी
फिर से दोनों एक-दूसरे से न बात करेंगे
फिर से दोनों के जज़्बात मरेंगे
फिर से प्रेम दोनों का रूप बदलेगा
हरियाली छोड़ नफरत का पीला रंग चहकेगा
एक दिन दोनों के बीच की आखिरी डोर टूट जाएगी
फिर से एक दिन दोनों के बीच नफरत मुस्करायेगी
दोनों एक दूसरे से फिर से बिछड़ जायेंगे
और हवा के झोंके उन्हें उड़ा ले जायेंगे
तब उनको अपनी गलती का अहसास होगा
दोनों के बीच का वो अहसास भी खास होगा
दोनों एक दूसरे से फिर मोहब्बत करेगें
फिर दोनों ही ख़ुद से फिर न बिछड़ने के वादे करेंगे
फिर एक दिन मोहब्बत का आग़ाज़ होगा
आज उनके इश्क़ का अलग अंदाज़ होगा

निहारिका सिंह

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 836 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
फितरत के रंग
फितरत के रंग
प्रदीप कुमार गुप्ता
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों
■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों
*Author प्रणय प्रभात*
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
"प्यासा"-हुनर
Vijay kumar Pandey
यादगार
यादगार
Bodhisatva kastooriya
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
आज
आज
Shyam Sundar Subramanian
हार
हार
पूर्वार्थ
అతి బలవంత హనుమంత
అతి బలవంత హనుమంత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
भारत के बदनामी
भारत के बदनामी
Shekhar Chandra Mitra
किसको सुनाऊँ
किसको सुनाऊँ
surenderpal vaidya
न चाहिए
न चाहिए
Divya Mishra
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*फितरत*
*फितरत*
Dushyant Kumar
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
Manoj Kushwaha PS
"मैं न चाहता हार बनू मैं
Shubham Pandey (S P)
"पल-पल है विराट"
Dr. Kishan tandon kranti
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
कवि दीपक बवेजा
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
gurudeenverma198
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
Arvind trivedi
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
अधीर मन
अधीर मन
manisha
*जितनी जिसकी सोच संकुचित, वह उतना मेधावी है    (मुक्तक)*
*जितनी जिसकी सोच संकुचित, वह उतना मेधावी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नारी क्या है
नारी क्या है
Ram Krishan Rastogi
2288.पूर्णिका
2288.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐अज्ञात के प्रति-140💐
💐अज्ञात के प्रति-140💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...