Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2016 · 1 min read

नासमझ है…

उसने मुझे एक कागज
थमाया,मुस्कुराते हुए कहा
इसमें लिखा है बहुत कुछ
दिल की आँखों से पड़ सकते हो
तो पढ़ लेना
शब्दों का मर्म समझ लेना
दिल की गहराइयो से,
दिल की बात है दिल से ही समझ लेना
दिमाग इसे समझ नहीं पायेगा,
आँखे इसे पढ़ नहीं पायेगी
हमने झट से कागज लिया और खोला
अचरज भरी निग़ाहों से उसे देखा
और तपाक से उसे बोला
कोरा कागज???
वह जा चुकी थी,
समझ में आया….
दिल की बात दिल ही समझ सकता है
दिल ही पढ़ सकता है….

^^^^दिनेश शर्मा^^^^
**************

Language: Hindi
1 Like · 505 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी मुस्कान भी, अब नागवार है लगे उनको,
मेरी मुस्कान भी, अब नागवार है लगे उनको,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मे गांव का लड़का हु इसलिए
मे गांव का लड़का हु इसलिए
Ranjeet kumar patre
भारत
भारत
नन्दलाल सुथार "राही"
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
SHAMA PARVEEN
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरी प्यारी कविता
मेरी प्यारी कविता
Ms.Ankit Halke jha
*गुरुओं से ज्यादा दिखते हैं, आज गुरूघंटाल(गीत)*
*गुरुओं से ज्यादा दिखते हैं, आज गुरूघंटाल(गीत)*
Ravi Prakash
'धोखा'
'धोखा'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
గురువు కు వందనం.
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
नींदों में जिसको
नींदों में जिसको
Dr fauzia Naseem shad
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
जब आओगे तुम मिलने
जब आओगे तुम मिलने
Shweta Soni
💐प्रेम कौतुक-421💐
💐प्रेम कौतुक-421💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आवारा पंछी / लवकुश यादव
आवारा पंछी / लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
2704.*पूर्णिका*
2704.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
काग़ज़ पर उतार दो
काग़ज़ पर उतार दो
Surinder blackpen
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
मंजिलें भी दर्द देती हैं
मंजिलें भी दर्द देती हैं
Dr. Kishan tandon kranti
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शुम प्रभात मित्रो !
शुम प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
Loading...