Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2019 · 2 min read

नारी तेरी सदैव ही परीक्षा (महिला दिवस पर विशेष “कविता”)

सभी नारियों के जीवन पर आधारित कविता

दूर गगन की छांव में रह गया मेरा गांव
हरे भरे लहलहाते खेत पिंपल की छांव

बाबुल ब्याह दिया तुने आयी
पिया घर पिछे छोड़
जिंदगी का पहला मोड़

तेरे ही सिखाए रास्तों पर
चल पड़ी मैं नयी डगर
साथ निभाते हुए साजन के साथ
रंगीले रिश्तों की हुई शुरुआत

बाबुल तुने ही कहा था न मुझे
बेटी हर दिन होता न एक जैसा
तेरे ही सिखाए संस्कारों के साथ
कर रही कोशिश आदर्श बहु बनकर
बिना आऊट हुए स्कोर बनाऊ नाबाद

इस दूसरे मोड़ पर जिंदगी के
मेरे कदम लडखडाएंगे तो बाबुल
तो इस जीवन में करती हूं प्रार्थना
तुम आशीर्वाद रूपी आत्मविश्वास
के साथ आंतरिक हिम्मत को बढ़ाना

दस्तुरों का निर्वाह करते हुए
फिर जिंदगी ने ली करवट
मिली ईश्वर से मुझे
पुत्र-पुत्री के रूप में नयी सौगात

जीवन में प्रवेश हुआ एक इतिहास
साजन के संग बनाऊंगी हर पल खास
सभी रिश्तों में रहे खुशियों का एहसास

पलछीन पलछीन बीत रहा है वक्त
अपने व्यवहार से ही करना है सब व्यक्त
उन्हीं संस्कारों के माध्यम से
अपने बच्चों को बनाएं सशक्त

इस आधुनिक युग में बच्चे
सदैव ही रहेंगे व्यस्त
मैं फिर भी रहकर मस्त
बच्चों की शिक्षा व शादी का करूं बन्दोंबस्त
जीवनसाथी के साथ जिंदगी बनाना है जबरदस्त

इन सबके पश्चात बाबुल
आएगा ज़िंदगी का तीसरा-अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव ना समझ
बढाऊंगी आगे कदम मिलेगी नई दिशा
क्योंकि यह जीवन ही है
सदैव नारी की परीक्षा

हो मन में विश्वास अटल
जीवन में हर पल होगा सफल
उम्मीदों की डोर बांधे हुए
पार करो मंजिल को हर
लाख मुश्किलें भी हो जाएंगी विफल ।

आरती अयाचित
भोपाल

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
अंदर का मधुमास
अंदर का मधुमास
Satish Srijan
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2670.*पूर्णिका*
2670.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
अजनबी जैसा हमसे
अजनबी जैसा हमसे
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-146💐
💐अज्ञात के प्रति-146💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
एक उम्र
एक उम्र
Rajeev Dutta
बेख़बर
बेख़बर
Shyam Sundar Subramanian
"गाय"
Dr. Kishan tandon kranti
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
आसमान
आसमान
Dhirendra Singh
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
"मौत की सजा पर जीने की चाह"
Pushpraj Anant
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
ये जीवन जीने का मूल मंत्र कभी जोड़ना कभी घटाना ,कभी गुणा भाग
Shashi kala vyas
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
*****आज़ादी*****
*****आज़ादी*****
Kavita Chouhan
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
*कामदेव को जीता तुमने, शंकर तुम्हें प्रणाम है (भक्ति-गीत)*
*कामदेव को जीता तुमने, शंकर तुम्हें प्रणाम है (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
Sukoon
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मेरे सपनों में आओ . मेरे प्रभु जी
मेरे सपनों में आओ . मेरे प्रभु जी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"मेरी मसरूफ़ियत
*Author प्रणय प्रभात*
स्वदेशी के नाम पर
स्वदेशी के नाम पर
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
Ms.Ankit Halke jha
Loading...