Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2017 · 1 min read

“नारी” तू बड़ी महान है।?

गजब सी हे हस्ती तेरी
बिन तेरे हर रिश्ता
अनाम है।
तू माँ, बहन, बेटी में,
मौसी, मामी, पत्नी भी
कितने ही तेरे नाम है ।
चरण पखारे गंगा ऐसी,
स्मरण यज्ञ समान है।
तुझको पाने देव भी तजते
कान्ति कोटि सम धाम है।
स्नेहमयी, ममता रूपी
“नारी” तू बड़ी महान है।

#SK ?

Language: Hindi
726 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
■ “दिन कभी तो निकलेगा!”
■ “दिन कभी तो निकलेगा!”
*Author प्रणय प्रभात*
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
Dr Archana Gupta
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3126.*पूर्णिका*
3126.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं तो महज वक्त हूँ
मैं तो महज वक्त हूँ
VINOD CHAUHAN
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
ऐसा इजहार करू
ऐसा इजहार करू
Basant Bhagawan Roy
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद।
दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद।
Neelam Sharma
आओ दीप जलायें
आओ दीप जलायें
डॉ. शिव लहरी
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Chhod aye hum wo galiya,
Chhod aye hum wo galiya,
Sakshi Tripathi
ऐसे ना मुझे  छोड़ना
ऐसे ना मुझे छोड़ना
Umender kumar
"भूल गए हम"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
विमला महरिया मौज
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
Phool gufran
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
Shweta Soni
नशा
नशा
Ram Krishan Rastogi
जुबां बोल भी नहीं पाती है।
जुबां बोल भी नहीं पाती है।
नेताम आर सी
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
**पी कर  मय महका कोरा मन***
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नव संवत्सर आया
नव संवत्सर आया
Seema gupta,Alwar
Loading...