नहीं सीखा
मानव तन पाकर भी गर पर उपकार नहीं सीखा
स्वयं सृजित स्वप्नों को यदि करना साकार नहीं सीखा
व्यर्थ तेरा वैभव सुन ले , धिक्कार तेरा पौरुष बल है
निर्मम अनीतियों के समक्ष यदि दृढ़ प्रतिकार नहीं सीखा
….. हरवंश श्रीवास्तव
मानव तन पाकर भी गर पर उपकार नहीं सीखा
स्वयं सृजित स्वप्नों को यदि करना साकार नहीं सीखा
व्यर्थ तेरा वैभव सुन ले , धिक्कार तेरा पौरुष बल है
निर्मम अनीतियों के समक्ष यदि दृढ़ प्रतिकार नहीं सीखा
….. हरवंश श्रीवास्तव