Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 1 min read

नमो-नमो हे माँ अम्बे।

?????
हे मूलाधारनिवासिनी,
परधामनिवासिनी,
विन्धयवासिनी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे श्मशानविहारिणी,
ताण्डवलासिनि,
महाविलासिनी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे जगविहारिणी,
निशिचरविदारिणी,
मुक्तिकारिणी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे महाकाली,
महाशक्ति,
महाफलदायिनी हे माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे महिषासुरमर्दिनी,
शक्तिशालिनी,
कष्टहारिणी हे माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे सिंहवाहिनी,
खड्ग खप्परधारी,
शस्त्रधारिणी माँ दुर्गे।
नमो- नमो हे माँ अम्बे ।

हे जग जननी,
जन्मदायिनी,
लोकपालनी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे देवी पार्वती,
प्रलयमयी,
वेदत्रयी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे सागरगामिनी,
महामानिनी,
महामायी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे पापभंजिनी,
स्नेहसुधामयी,
करूणामयी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे ज्योतिरूपिणी,
पथप्रदर्शिनी,
विजयिनी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे भयहारिणी,
भवतारिणी,
भवभामिनी माँ दुर्गे।
नमो-नमो हे माँ अम्बे।

हे भवभंजिनी,
शत्रुनाशिनी,
कल्याणमयी माँ दुर्गे
नमो-नमो हे माँ अम्बे।
?????—लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
497 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
■ आज की सीख...
■ आज की सीख...
*Author प्रणय प्रभात*
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
Kuldeep mishra (KD)
सुप्रभात
सुप्रभात
Seema Verma
"सहेज सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
असफलता
असफलता
Neeraj Agarwal
***
*** " ओ मीत मेरे.....!!! " ***
VEDANTA PATEL
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
Dr Archana Gupta
अहंकार का एटम
अहंकार का एटम
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
At the end of the day, you have two choices in love – one is
At the end of the day, you have two choices in love – one is
पूर्वार्थ
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
कुण्डलिया
कुण्डलिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
अपनी-अपनी विवशता
अपनी-अपनी विवशता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जनता का भरोसा
जनता का भरोसा
Shekhar Chandra Mitra
युवा अंगार
युवा अंगार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
बेटियां
बेटियां
Nanki Patre
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
आंखों में शर्म की
आंखों में शर्म की
Dr fauzia Naseem shad
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
कवि रमेशराज
*चलो टहलने चलें पार्क में, घर से सब नर-नारी【गीत】*
*चलो टहलने चलें पार्क में, घर से सब नर-नारी【गीत】*
Ravi Prakash
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
विषय मेरा आदर्श शिक्षक
विषय मेरा आदर्श शिक्षक
कार्तिक नितिन शर्मा
"कष्ट"
नेताम आर सी
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
Loading...