Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2019 · 2 min read

ननकू की वीरता

बाल कविता —
#ननकू_की_वीरता

सुनो बच्चो, तुम्हें मैं बताऊँ ।
ननकू की मैं कथा सुनाऊँ ।।
ननकू था एक वीर बहादुर ।
समझदार था बालक चातुर ।।

अपनी माँ के संग रहता था ।
दिनभर बहना से लड़ता था ।।
बहना भी बहुत चिढ़ाती थी ।
उसको भी बड़ा छकाती थी ।।

काम से जी चुराता रहता ।
सपने रोज सजाता रहता ।।
स्कूल नहीं वह जाता था ।
पढ़ने से वह घबड़ाता था ।।

बड़े बड़ों की बातें करता ।
बड़ा होने की आहें भरता ।।
दिया भगवन ने एक मौका ।
लगाया उसने फिर चौका ।।

बरसात में गाँव जब डूबा ।
घर में पड़ा था बाबा बूढ़ा ।।
दूर से घर को दौड़ आया ।
हाली-हाली घर को पाया ।।

अवसर नहीं गँवाना चाहा ।
झट अपना दिमाग थाहा ।।
पानी आँगन में जब आया ।
बाबा को वह गोद उठाया ।।

उनको छान पे झट चढ़ाया ।
मोटा रस्सा छान पर पाया ।।
बँधन छान के काटे झटपट ।
चढ़ गया वह ऊपर सरपट ।।

डूब गया था अब पूरा गाँव ।
कहीं नहीं था एक भी ठाँव ।।
बह गया जो पानी में छप्पर ।
दादा-पोता छप्पर के ऊपर ।।

ननकू था अब बहुत दु:खी ।
तभी दिमाग में उपाय सूझी ।।
बहते बहते धारा संग चेता ।
आगे उसने पटना पुल देखा ।।

मोटा रस्सा झप्पर में बाँधा ।
शेष रस्से को पुल पर फेंका ।।
खड़े लोगों ने रस्सा पकड़ा ।
छप्पर जाकर पुल से जकड़ा ।।

दादा-पोते के तब प्राण बचे ।
अखबारों में बड़े शोर मचे ।।
जब बहादुरी की खबर छपी ‍।
मुख पर ननकू के आई हँसी ।।

उसे वीरता का ईनाम मिला ।
उसका मान-सम्मान खिला ।।
माता-पिता बड़े ही खुश हुए ।
उसको तो ढेरों आशीष दिए ।।

=============
दिनेश एल० “जैहिंद”
22. 09. 2018

297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! राम जीवित रहे !!
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
असर
असर
Shyam Sundar Subramanian
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
पूर्वार्थ
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
मेरे लिए
मेरे लिए
Shweta Soni
मेरी शायरी
मेरी शायरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
Gaurav Sony
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
महंगाई के आग
महंगाई के आग
Shekhar Chandra Mitra
रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
सत्य कुमार प्रेमी
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
dks.lhp
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
23/37.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/37.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
Ravi Prakash
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
आए तो थे प्रकृति की गोद में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
माना  कि  शौक  होंगे  तेरे  महँगे-महँगे,
माना कि शौक होंगे तेरे महँगे-महँगे,
Kailash singh
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
विविध विषय आधारित कुंडलियां
विविध विषय आधारित कुंडलियां
नाथ सोनांचली
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
Aarti sirsat
💐Prodigy love-43💐
💐Prodigy love-43💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
संविधान का पालन
संविधान का पालन
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...