Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2017 · 1 min read

धारण कर सत् कोयल के गुण

जागा अधिवक्ता पतला सा
त्यागे तन के कीमती वस्त्र
ले हाथ छड़ी जिस ओर बढा
पीछे-पीछे पग थे सहस्त्र
अनुपम- अतुलित बल का उद्भव
आज अहिंसा में है देखा
यह भ्रम या धूल भरी आंधी
या सपना कोई अनदेखा
बैरी बोले भागो-भागो
देवत्व हमें ललकार रहा
प्रेम-फाँस के प्रबल बार से
राक्षसी वृत्ति संहार रहा
घर गया शिकारी बेबस हो
बन गया महात्मा राष्ट्रपिता
ईश्वरत्व रवि प्रखर हो गया
बद् कृत्यों की जल गई चिता
“नायक बृजेश” तुम देवपुरुष
वैचारिक दर्शनरूप सगुण
निश्चय होगी शांति, स्वयं में
धारण कर सत् कोयल के गुण
…………………………………………………….

●उक्त रचना को “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण के अनुसार परिष्कृत किया गया है।

● पूरी रचना पढने के लिए “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण का अवलोकन करें।

●”जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजोन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता
03-05-2017

Language: Hindi
1002 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरे कलाधर
मेरे कलाधर
Dr.Pratibha Prakash
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
........,?
........,?
शेखर सिंह
* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
' जो मिलना है वह मिलना है '
' जो मिलना है वह मिलना है '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
कितने बड़े हैवान हो तुम
कितने बड़े हैवान हो तुम
मानक लाल मनु
आज कल लोगों के दिल
आज कल लोगों के दिल
Satish Srijan
खुदकुशी से पहले
खुदकुशी से पहले
Shekhar Chandra Mitra
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
💐प्रेम कौतुक-521💐
💐प्रेम कौतुक-521💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
नज़र
नज़र
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
क्यों नहीं बदल सका मैं, यह शौक अपना
क्यों नहीं बदल सका मैं, यह शौक अपना
gurudeenverma198
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
केवल
केवल
Shweta Soni
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
क्योंकि मैं किसान हूँ।
क्योंकि मैं किसान हूँ।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
"साये"
Dr. Kishan tandon kranti
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
2715.*पूर्णिका*
2715.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*Author प्रणय प्रभात*
हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे ।
हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे ।
Buddha Prakash
Loading...