Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2016 · 1 min read

धरा

मुक्तक
धधकती धरा धैर्य खोने लगी है।
हृदय से कटुक आज होने लगी है।
सहन कर्म कर अब मनुज के अनैतिक।
प्रकृति दंड देकर डुबोने लगी है।
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 496 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
View all
You may also like:
भोली बिटिया
भोली बिटिया
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खामोशियां मेरी आवाज है,
खामोशियां मेरी आवाज है,
Stuti tiwari
सरस्वती वंदना-5
सरस्वती वंदना-5
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
".... कौन है "
Aarti sirsat
थे गुर्जर-प्रतिहार के, सम्राट मिहिर भोज
थे गुर्जर-प्रतिहार के, सम्राट मिहिर भोज
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
#अजब_गज़ब
#अजब_गज़ब
*Author प्रणय प्रभात*
है एक डोर
है एक डोर
Ranjana Verma
2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐अज्ञात के प्रति-17💐
💐अज्ञात के प्रति-17💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*पीने वाले दिख रहे, पी मदिरा मदहोश (कुंडलिया)*
*पीने वाले दिख रहे, पी मदिरा मदहोश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
Sapna Arora
मिट्टी बस मिट्टी
मिट्टी बस मिट्टी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
पूर्वार्थ
फूलन देवी
फूलन देवी
Shekhar Chandra Mitra
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
शाह फैसल मुजफ्फराबादी
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
*माटी की संतान- किसान*
*माटी की संतान- किसान*
Harminder Kaur
कोई खुशबू
कोई खुशबू
Surinder blackpen
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जंगल की होली
जंगल की होली
Dr Archana Gupta
"खूबसूरती"
Dr. Kishan tandon kranti
वाह नेता जी!
वाह नेता जी!
Sanjay ' शून्य'
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
Shweta Soni
आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
Vishal babu (vishu)
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
शिकवा गिला शिकायतें
शिकवा गिला शिकायतें
Dr fauzia Naseem shad
Loading...