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10 Jan 2017 · 1 min read

दोहे.. आगामी चुनाव से …

दोहे.. आगामी चुनाव से …

बेटे से पद छीनता,कितना बाप कठोर
यौवन ययाति सा मिले,बात यही पुरजोर
$
पिता पुत्र से बोलता ,देखो वीर सपूत
सायकल तुझे सौप दूँ ,और निकाल सबूत
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सब की है ढपली यहाँ ,सबके अपने राग
ढोल-नगाड़े पीटना ,सुर जाए जब जाग
$
महसूस नहीं हो हमे ,कतरो ऐसे पंख
महा-समर आरंभ हो ,बज जाए फिर शंख
$
फिर चुनाव आना हुआ,निकले वन से राम
हर बगल है छुरी दबी,रखो काम से काम
$
मानवता की आड़ में,दानव रहा दहाड़
आशंकाओं का कहीं, गिरे न मित्र पहाड़
$
सुशील यादव
9.1.2017

Language: Hindi
723 Views
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