Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2017 · 3 min read

***भारत देश के वासी हो तुम**इस मिट्टी पर अभिमान करो**

*भारत माँ के लाल हो तुम
इस माता का सम्मान करो
तीन रंग का मान करो
अपमान ना इसका आज करो

*जिस जन्म भूमि पर जन्म लिया
जड़ उसकी न बर्बाद करो
खिली हुई इस बगिया को
करनी अपनी से तुम न शमशान करो

*शिक्षा का मंदिर,जो है कहलाता
वहाँ जाकर सिर्फ पढ़ाई करो
व्यर्थ की बातों को तुम छोड़ो
देश का सिर्फ विकास करो

*अपने ही देश में रहकर के
आतंकवाद का न प्रचार करो
गैरों के लिए मत लड़ो आपस में
भाईचारे को तुम कायम रखो

*किसी और जालिम की खातिर
शहादत शहीदों की न नापाक करो
देश के युवाओं तुम शिक्षित हो
अज्ञानों जैसा न बर्ताव करो

*जेएनयू को क्यों बदल दिया
राजनीति के वृहद अखाड़े में
शिक्षा के इस मंदिर में क्यों
मतभेद हुए आपस वालों में

*क्यों दो पक्षों को दिखलाकर
सच्चाई को झुठलाते हो
सहमत होकर विपक्ष विचारों से
क्यों गद्दारों में नाम लिखवाते हो

*शिक्षा के मंदिर में जाकर
अच्छे संस्कारों का ज्ञान भरो
जिससे तुम हर क्षण,हर पल
इस भारत देश का नाम करो

*रहकर अपने ही देश में क्यों
तुम अजनबियों सा बर्ताव करो
भारत माँ के लाल हो तुम
सिर्फ वीरों जैसी बात करो

*गाँधी,सुभाष,टैगोर,तिलक का
रक्त है तुम में बह रहा
क्यों फिर तुम अफज़ल के गुण गाते अपनों का खून बहाते हो

*जिस देश में तुमने जनम लिया
क्यों उसको दुश्मन बतलाते हो
भाषा की है ये कैसी आजादी
जो तुम मातृभूमि का अपमान करो

*अभिव्यक्ति का यह रूप है कैसा
जो देश की इज्ज़त यूँ नीलाम करो
अफज़ल को शहीद है कहकर के
देश के वीरों का तुम न अपमान करो

*देश की खातिर जो हुए शहीद
शहादत को उनकी न नीलाम करो हनुमान थापा जैसे शहीदों का
तुम सिर झुकाकर सम्मान करो

*आतंकवाद के आगे इनके
बलिदान को न नापाक करो
भारत भूमि पर जन्मे हो तुम
इस जन्मभूमि के लिए लड़ो

*दिया तुम्हें संविधान में जो
अभिव्यक्ति का अधिकार है
जुडे़ हैं उसके साथ कर्तव्य
मर्यादा का तुम ध्यान रखो

*व्यक्त करो अपने विचारों को
अधिकारों के तुम लिए लड़ो
कर्तव्यों का ख्याल है रखकर
मर्यादाओं के दायरे में तुम रहो

*जिनके लिए हथियार उठाते
उनका मजहब क्या बतलाओगे
अपनी माँ से जंग करके
यह तुम कैसी सत्ता पाओगे

*जिस देश की मिट्टी में
पले-बढ़े,कुकर्मों से तुम अपने
उसका अपमान न आज करो
जिस थाली में खाते हो तुम
उस थाली में न छेद करो

*ऐसा करके तुम कुछ भी
हासिल न कर पाओगे
अपने ही देश में रहकर तुम
सिर्फ काफिर ही कहलाओगे

*तुम ललकारो हम न आएँ
ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को तुम यूँ बर्बाद करो
तिल भर भी तुम्हारी औकात नहीं

इस देश पर बुरी नज़र रखने वालों
तुम भारत माँ के लाल नहीं
जिसके खातिर दंगे करते हो
उसकी कोई औकात नहीं

*कलम पकड़ने वालों को
हथियार उठाने न पड़ जाए
आतंकवाद का साथ दिया तो
अस्तित्व तुम्हारा न मिट जाए

*जिसने भी डाली बुरी नजर
इस भारत माँ की धरती पर
उठ खड़े हुए हजार भगत, आजाद,शहीद इस धरती पर

*भारत माँ के लाल हैं हम
आवाज़ दबा देंगे उनकी
उठेगी जिनकी भी आवाज़
इस मातृभूमि के विपरीत यदि

*बुरी नजर डालेगा जो
धर्मों में खाई बढ़ाएगा
एकता खंडित करेगा जो
उपद्रव जो यहाँ मचाएगा

*हस्ती मिटा देंगे उनकी हम
भारत माँ के लाल हैं हम
भारत पर जान गँवा देंगे हम
इस मातृभूमि पर बलिहार है हम

*माना दिल से हम लेते काम
मगर नहीं है हम कमजोर
देश की आन,बान,शान की खातिर
सह सकते हैं सीने पर
हर वार और चोट

*याद रखनी है सिर्फ एक ही बात
इस देश में रहने वाले सब हम
भारत के भारतवासी हैं
कौम धर्म मजहब के नाम पर भाईचारे को बाटेंगे न हम

*यह देश हमारा है,
यह देश तुम्हारा है
हम सब इसका सम्मान करें
जिस मिट्टी पर है जन्म लिया
उस पर हमेशा अभिमान करें

*जिस मिट्टी पर है जन्म लिया
उस पर हमेशा अभिमान करें||||||

Language: Hindi
714 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रोला छंद :-
रोला छंद :-
sushil sarna
है तो है
है तो है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कोई कैसे ही कह दे की आजा़द हूं मैं,
कोई कैसे ही कह दे की आजा़द हूं मैं,
manjula chauhan
तुम पतझड़ सावन पिया,
तुम पतझड़ सावन पिया,
लक्ष्मी सिंह
उस दिन पर लानत भेजता  हूं,
उस दिन पर लानत भेजता हूं,
Vishal babu (vishu)
■ बेबी नज़्म...
■ बेबी नज़्म...
*Author प्रणय प्रभात*
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
Dr. Arun Kumar shastri
Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
संस्कृति के रक्षक
संस्कृति के रक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
Shweta Soni
सौ सदियाँ
सौ सदियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
2367.पूर्णिका
2367.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
मिर्जा पंडित
मिर्जा पंडित
Harish Chandra Pande
जख्म पाने के लिए ---------
जख्म पाने के लिए ---------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*शब्द*
*शब्द*
Sûrëkhâ Rãthí
मोहब्बत अधूरी होती है मगर ज़रूरी होती है
मोहब्बत अधूरी होती है मगर ज़रूरी होती है
Monika Verma
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
है नारी तुम महान , त्याग की तुम मूरत
है नारी तुम महान , त्याग की तुम मूरत
श्याम सिंह बिष्ट
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
*धन जीवन-आधार, जिंदगी चलती धन से(कुंडलिया)*
*धन जीवन-आधार, जिंदगी चलती धन से(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुरु नानक देव जी --
गुरु नानक देव जी --
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
आर.एस. 'प्रीतम'
जब बूढ़ी हो जाये काया
जब बूढ़ी हो जाये काया
Mamta Rani
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी कलम
मेरी कलम
Dr.Priya Soni Khare
Loading...