Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2018 · 1 min read

दुरुपयोग

एक बूढ़ा आदमी जिसने सिर्फ धोती पहनी हुई थी, धीरे-धीरे चलता हुआ, महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास पहुंचा। वहां उसने अपनी धोती में बंधा हुआ एक सिक्का निकाला, और जिस तरफ ‘सत्यमेव जयते’ लिखा था, उसे ऊपर कर, सिक्के को महात्मा गांधी के पैरों में रख दिया।

अब उसने मूर्ति के चेहरे को देखा, उसकी आँखों में धूप चुभने लगी, लेकिन उसने नज़र हटाये बिना दर्द भरे स्वर में कहा,
“गांधीजी, तुम तो जीत कर चले गये, लेकिन अब यहाँ दो समुदाय बन गये हैं, एक तुम्हारे नाम की जय-जयकार करता है तो दूसरा तुम्हें दुष्ट मानता है… तुम वास्तव में कौन हो, यह पीढ़ी भूल ही गयी।” कहते-कहते उसकी गर्दन नीचे झुकती जा रही थी।

उसी समय उसके हृदय में जाना-पहचाना स्वर सुनाई दिया, “मैं जीता कब था?अंग्रेजों के जाने के बाद आज तक मेरे भाई-बहन पराधीन ही हैं, मुट्ठी भर लोग उन्हें बरगला कर अपनी विचारधारा के पराधीन कर रहे हैं… और सत्य की हालत…”

“क्या है सत्य की हालत?” वह बूढ़ा आदमी अपने अंदर ही खोया हुआ था।

उसके हृदय में स्वर फिर गूंजा, “सत्य तो यह है कि दोनों एक ही काम कर रहे हैं – मेरे नाम को बेच रहे हैं…”

और उसी समय हवा के तेज़ झोंके से मूर्ति पर रखा हुआ सिक्का नीचे गिर गया, शायद उसका आधार कमज़ोर था।

– ० –

Language: Hindi
1 Like · 307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
16. आग
16. आग
Rajeev Dutta
💐प्रेम कौतुक-365💐
💐प्रेम कौतुक-365💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
स्त्री
स्त्री
Ajay Mishra
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/205. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/205. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छठ परब।
छठ परब।
Acharya Rama Nand Mandal
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
"काला झंडा"
*Author प्रणय प्रभात*
*बलशाली हनुमान (कुंडलिया)*
*बलशाली हनुमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्यारा सुंदर वह जमाना
प्यारा सुंदर वह जमाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
गुज़रते वक्त ने
गुज़रते वक्त ने
Dr fauzia Naseem shad
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
भारत का फौजी जवान
भारत का फौजी जवान
Satish Srijan
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
........,,?
........,,?
शेखर सिंह
हम तो कवि है
हम तो कवि है
नन्दलाल सुथार "राही"
चॉंद और सूरज
चॉंद और सूरज
Ravi Ghayal
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
संगीत........... जीवन हैं
संगीत........... जीवन हैं
Neeraj Agarwal
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
"चलना"
Dr. Kishan tandon kranti
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
*सुविचरण*
*सुविचरण*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...