Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2017 · 1 min read

दीवारें

दीवारें बहुत लंबी
उम्र लेकर आती है
इंसान से भी अधिक 
पर एक समय
के बाद उनमें पसरी
नमी,सीलन से बस
वे छुने भर से ही
भरभरा जाती हैं
जाने कब से रोका हैं
सैलाब उसने भीतर
उठा नही पाती जब
वे बोझ खुद का भी
अंदर संर्वांग तक भीगते
वे तन्हा होने लगती  हैं
सदियों तक न पाकर
अपने आस पास
आदमी की सांसे
वो दम तोड़ती रहती हैं
आज सुनी मैंने भी
उनकी घुलती सांसो 
और अंदर से दिखती
टुटी धुमिल  प्रतीकों की 
अनगिनत खामोश बातें
उनकी कोशिशें खुद
को जिंदा रखने की
चौखटों की नक्काशी में
छुपी वैभव की कहानी
कभी कभी  सुनायी देती है
दीवारों में हंसी ठहाको की
वही पुरानी सी ठसक
और एक लंबी सी कसक ।।।
नीलम नवीन  “नील”

Language: Hindi
691 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राज
राज
Neeraj Agarwal
सच नहीं है कुछ भी, मैने किया है
सच नहीं है कुछ भी, मैने किया है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हम
हम
Dr. Kishan tandon kranti
#दोहे
#दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
■ आज का संदेश...
■ आज का संदेश...
*Author प्रणय प्रभात*
ढलती हुई दीवार ।
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
from under tony's bed - I think she must be traveling
from under tony's bed - I think she must be traveling
Desert fellow Rakesh
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
#गुलमोहरकेफूल
#गुलमोहरकेफूल
कार्तिक नितिन शर्मा
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इम्तिहान
इम्तिहान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
2707.*पूर्णिका*
2707.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*
*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*
Ravi Prakash
एक चिडियाँ पिंजरे में 
एक चिडियाँ पिंजरे में 
Punam Pande
मेरा फलसफा
मेरा फलसफा
umesh mehra
हिन्दी की दशा
हिन्दी की दशा
श्याम लाल धानिया
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
Seema Verma
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
गाँव पर ग़ज़ल
गाँव पर ग़ज़ल
नाथ सोनांचली
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
Buddha Prakash
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
युवा भारत को जानो
युवा भारत को जानो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इक तेरे सिवा
इक तेरे सिवा
Dr.Pratibha Prakash
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वजह ऐसी बन जाऊ
वजह ऐसी बन जाऊ
Basant Bhagawan Roy
*बूढ़ा दरख्त गाँव का *
*बूढ़ा दरख्त गाँव का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
स्वच्छंद प्रेम
स्वच्छंद प्रेम
Dr Parveen Thakur
Loading...