Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2018 · 1 min read

(दीवाली गीत)

आँगन में रंगोली अपने,द्वारे बंदनवार लगायें
दीपमालिका से दीपों का, आओ हम त्यौहार मनायें

फुलझड़ियों की झिलमिल से तो,हम सबके मन खिल जाते हैं।
शोर पटाखों का पर सुनकर, सहम-सहम से दिल जाते हैं।
धुआँ प्रदूषित करते इनका, सारा वातावरण हमारा
आतिशबाजी त्याग चलो हम, अपना पर्यावरण बचायें।
दीपमालिका से दीपों का, आओ हम त्यौहार मनायें।

जिस पावन माटी का करते, भाल लगाकर अर्चन-वंदन।
उससे ही सामान बनाकर,करते हैं कुछ जीवनयापन।
माटी की ले दीपक, बर्तन, रोजगार इन सबको दे दें।
मने दिवाली इनके घर भी,सारे सपने सच हो जायें।
दीपमालिका से दीपों का, आओ हम त्यौहार मनायें

लेकर हम सामान विदेशी, रोशन करते हैं अपने घर।
ये सस्ते तो मिल जाते पर, गुणवत्ता में होते कमतर।
आओ लें संकल्प सभी हम, माल खरीदें सिर्फ़ स्वदेशी
देशी सामानों से ही अब, हमअपना घर द्वार सजायें।
दीपमालिका से दीपों का, आओ हम त्यौहार मनायें।

जलती बिजली की लड़ियों पर, कीट-पतंगे आ जाते हैं।
लेकिन जलते दीपक के वे,पास भी नहीं जा पाते हैं।
माटी की सौंधी खुशबू से,आओ जग को सुरभित कर दें।
बाती और तेल-घी लेकर, माटी के ही दीप जलायें।
दीपमालिका के दीपों से, आओ हम त्यौहार मनायें।

रोशन कर लें अपने मन को, क्रोद्ध जलाकर दीवाली में।
और सफ़ल ये जीवन कर लें,बैर मिटाकर दीवाली में।
प्रेम भरें मन के दीपक में, डालें सद्भावों की बाती।
हम नफ़रत के अँधियारे को, आओ जड़ से दूर भगायें।
दीपमालिका से दीपों का, आओ हम त्यौहार मनायें।

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

1 Like · 599 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
आज का यथार्थ~
आज का यथार्थ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
गिरगिट को भी अब मात
गिरगिट को भी अब मात
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राम वन गमन हो गया
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*यह थाली के बैंगन हैं, हर समय लुढ़कते पाएँगे(हिंदी गजल/गीतिक
*यह थाली के बैंगन हैं, हर समय लुढ़कते पाएँगे(हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
किसी दिन
किसी दिन
shabina. Naaz
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
गुलाब
गुलाब
Prof Neelam Sangwan
शिक्षा एवं धर्म
शिक्षा एवं धर्म
Abhineet Mittal
तेरी कमी......
तेरी कमी......
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
23/215. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/215. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पराये सपने!
पराये सपने!
Saransh Singh 'Priyam'
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
"गाँव की सड़क"
Radhakishan R. Mundhra
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
आर.एस. 'प्रीतम'
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
कोहरा
कोहरा
Ghanshyam Poddar
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
"नवसंवत्सर सबको शुभ हो..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किस लिए पास चले आए अदा किसकी थी
किस लिए पास चले आए अदा किसकी थी
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इशारा दोस्ती का
इशारा दोस्ती का
Sandeep Pande
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
काग़ज़ ना कोई क़लम,
काग़ज़ ना कोई क़लम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
Ram Krishan Rastogi
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...