Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2019 · 1 min read

दिव्यमाला अंक 21

गतांक से आगे……

दिव्य कृष्ण लीला ….अंक 21
******************************

कहाँ चले ?फिर नंद राय जी ,लेकर के बालक किसना ।

बहुत पास है दूर नहीं है , वृंदावन जाकर बसना।

लल्ला भी निर्भय रह लेगा,हमको भी निर्भय रहना।

छोड़ दिया फिर गोकुल प्यारा,भर कर आँसू से नयना।

दौड़ दौड़ कर मिलते सबसे ,रखना ध्यान.. कहाँ सम्भव।।। 41

*******************************
चले कान्ह भी मात पिता सँ, त्याग दिया गोकुल प्यारा।

चन्द सखा ही साथ रहे बस, बाकी से होन पड़ा न्यारा।

आंखों से जमुना बहती थी ,डूबा गोकुल था सारा।

धन्य प्रभु तेरी लीला को ,क्या समझे ‘मधु’ अक्ल मारा।

इसी तरह दो ढाई वर्ष के ,हो आये भगवान..कहाँ सम्भव।

हे पूर्ण कला के अवतारी तेरा यशगान…कहाँ सम्भव ।।42

*
क्रमशः अगले अंक में
*
कलम घिसाई

©®
कॉपी राइट
9414764891

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
■ आज का आह्वान
■ आज का आह्वान
*Author प्रणय प्रभात*
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
*देखने लायक नैनीताल (गीत)*
*देखने लायक नैनीताल (गीत)*
Ravi Prakash
कोशिश करना छोरो मत,
कोशिश करना छोरो मत,
Ranjeet kumar patre
महसूस करो दिल से
महसूस करो दिल से
Dr fauzia Naseem shad
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
The_dk_poetry
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
Ek din ap ke pas har ek
Ek din ap ke pas har ek
Vandana maurya
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
3254.*पूर्णिका*
3254.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
Paras Nath Jha
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
Khaimsingh Saini
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
surenderpal vaidya
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
Shashi kala vyas
लंबा सफ़र
लंबा सफ़र
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
ऐ ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी।
Taj Mohammad
चलते जाना
चलते जाना
अनिल कुमार निश्छल
Loading...